ll ॐ नव शिवाय ll

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सोमवार, 31 जनवरी 2011

{;क्या आप सनी की साड़ेसाती से परे शान है }

                                                                         :प्रिय दोस्तों :
सभी ज्योतिषियों कहना है कि सनी की साड़े शाती इन्शान की जिन्दगी में तीनबार आती है :
सबसे पहले बचपन में :दूसरी जवानी में : और तीसरी बुदापे में :
बचपन की साड़े साती खास असर नही करती :बच्चो पर :
जवानी की साड़े साती कुछ नही छोडती :इन्शान को तवाह कर देती है :
और बुदापे की साड़े साती इन्शान को ही नही छोडती :क्या ये सच है :
अक्षर ज्ञान ज्योतिष :के हिसाब से सनी की साड़े साती होती ही नही है :
अगर सनी की साड़े साती होती :तो इन्शान को साड़े सात साल बाद तो
राहत मिलती मेने अपने जीवन में ऐसे इन्शानो को देखा है :
जो बचपन से लेकर बुदापे तक दुःख उठाते देखा है :
उस की  जिन्दगी में साड़े साती उतरी ही नही :ये केसी साड़े साती है  :
अगरआप ऐसी किसी  सनी की साड़े शाती से परेशान है :या सनी की ढइया से हेरान है :
तो घबराओ नही :  अक्षर ज्ञान ज्योतिष में इस का उपाय है :
क्यों कि अक्षर ज्ञान ज्योतिष ऐसी किसी साड़े साती को नही मानता :
क्यों कि अक्षर का सुर इन्शान को बर्बाद करता हैअधिक जान कारी के लिए मेल करे या फोन करे :
लेखक :जगदीश भाई चौधरी :फोन न 919904271497  :
फ्री सेवा है  सभी के लिए :

{;क्या आप सनी की साड़ेसाती से परे शान है }

                                                                       :प्रिय दोस्तों :
सभी ज्योतिषियों कहना है कि सनी की साड़े शाती इन्शान की जिन्दगी में तीनबार आती है :
सबसे पहले बचपन में :दूसरी जवानी में : और तीसरी बुदापे में :
बचपन की साड़े साती खास असर नही करती :बच्चो पर :
जवानी की साड़े साती कुछ नही छोडती :इन्शान को तवाह कर देती है :
और बुदापे की साड़े साती इन्शान को ही नही छोडती :क्या ये सच है :
अक्षर ज्ञान ज्योतिष :के हिसाब से सनी की साड़े साती होती ही नही है :
अगर सनी की साड़े साती होती :तो इन्शान को साड़े सात साल बाद तो
राहत मिलती मेने अपने जीवन में ऐसे इन्शानो को देखा है :
जो बचपन से लेकर बुदापे तक दुःख उठाते देखा है :
उस की  जिन्दगी में साड़े साती उतरी ही नही :ये केसी साड़े साती है  :
अगरआप ऐसी किसी  सनी की साड़े शाती से परेशान है :या सनी की ढइया से हेरान है :
तो घबराओ नही :  अक्षर ज्ञान ज्योतिष में इस का उपाय है :
क्यों कि अक्षर ज्ञान ज्योतिष ऐसी किसी साड़े साती को नही मानता :
क्यों कि अक्षर का सुर इन्शान को बर्बाद करता हैअधिक जान कारी के लिए मेल करे या फोन करे :
लेखक :जगदीश भाई चौधरी :फोन न 919904271497  :
फ्री सेवा है  सभी के लिए :

आओ हिंदी के अक्षरों से अक्षर ज्योतिष सीखे और अपने घर परवार को खुश हाल बनाए भाग {2]

ये छो {६] अक्षर बिज है : अ  इ  उ  ए  ओ  अं :
और ये {६}अक्षर सुर  है :आ ई  ऊ  ऐ  ऑ  अँ :
इन दोनों को मिलाकर {१२}अक्षर होते है  :
मगर महात्रा {११}होती है :
और इन अक्षरों की महात्रा भी बहुत बड़ी सकती है :
ये बात अपने दिमाक में इस तरह से बिठालो कि :
आपके जीते जी आपके दिमाक में से ये बात  :
अपने जीवन में कभी भी नही निकलनी चाहिए :
क्यों कि ये सभी अक्षर ही बिधि का बिधान है :
ये अक्षर किसी  के बनाए हुए  नही है :
 ये इस स्र्सटी के रचेता ही ये है:
इस ब्रह्म्माड के मालिक ये है :
आकाश से लेकर पाताल तक सब इन में समाये हुए है :
ये वो सक्ति है जो कण कण में समाई है :चोरासी लाख योनियों को :
बना ने   बाले   है ये
चारो धर्मो के मालिक है ये : {चार धर्म  }
  {अ }   { ई }         {ऊ }        { ए }
हिन्दू :  इसाई    :मुस्लिम :       सिख :
इन चारो के ग्रिन्थ के बारे  में तो  <span>सारी दुनिया जानती है :</span>
मेरा कने का मत लव ये है :कि
जो कुछ है दुनिया में : है :वो ये है :
अक्षर ज्ञान :आप सीखो और दुसरो को सिखाओ :
सब के जीवन और मृत्यू के मालिक है :
सुख और दुःख सब इनसे ही मिलते है :
सभी जीवो  के कर्मो का हिसाव किताब ये रखते है :
सभी योनियों को कर्मो के हिसाव से ये ट्रांसफर ये करते है :
जेसा  जिस   का  कर्म  वेसी  उस   योनी :
अक्षर  ही   देते  है इन्शान हो अमीरी गरीबी   :
अपने जीवन में सुख  दुःख  हारी  बिमारी :
सन्तान निसंतान बीबी बच्चे घर  परिवार :
यही बनाते है हमे राजा और रंक    :
जब  ये  अक्षर किसी  पर  महरवान होते है :
तो इन्शान को भगवान स्वरूप बनादेते है :
और जानवरों को पूज्यवान बनादेते है :
इस से जादा में आपको और क्या बताऊ :
अबतो सायद आपकी  समझ में आगया होगा :
कि अक्षरों की  ताकत  कितनी है :
और अधिक जान्ने के लिए पड़ते रहे ;
चौधरी अक्षर के नोट :और हर नोट पर :
अपनी टिप्पणी करना  न  भूले :
अधिक जानकारी के लिए हमे फोन   करे :
फोन न 919904271497 :
या मेल करे :
कोपी रायट २०१०:2011
चौधरी अक्षर ज्योतिष :
लेखक जगदीश भाई चौधरी
apne  sarir me ye {12]akshr kyaa kyaa paat
bajaate hai
आगे  पड़े भाग  {3}





chaudhry akshr jyotish ke lekhk jagdish bhai chaudhry

रविवार, 30 जनवरी 2011

आओ हिंदी के अक्षरों से अक्षर ज्योतिष सीखे और अपने घर परवार के खुश हाल बनाए भाग {2]

ये छो {६] अक्षर बिज है : अ  इ  उ  ए  ओ  अं :
और ये {६}अक्षर सुर  है :आ ई  ऊ  ऐ  ऑ  अँ :
इन दोनों को मिलाकर {१२}अक्षर होते है  :
मगर महात्रा {११}होती है :
और इन अक्षरों की महात्रा भी बहुत बड़ी सकती है :
ये बात अपने दिमाक में इस तरह से बिठालो कि :
आपके जीते जी आपके दिमाक में से ये बात  :
अपने जीवन में कभी भी नही निकलनी चाहिए :
क्यों कि ये सभी अक्षर ही बिधि का बिधान है :
ये अक्षर किसी  के बनाए हुए नही है :
 ये इस स्र्सटी के रचेता ही ये है:
इस ब्रह्म्माड के मालिक ये है :
आकाश से लेकर पाताल तक सब इन में समाये हुए है :
ये वो सक्ति है जो कण कण में समाई है :चोरासी लाख योनियों को :
बना ने बाले  है ये
चारो धर्मो के मालिक है ये : {चार धर्म  }
  {अ }   { ई }         {ऊ }        { ए }
हिन्दू :  इसाई    :मुस्लिम :       सिख :
इन चारो के ग्रिन्थ के बारे  में तो  <span>सारी दुनिया जानती है :</span>
मेरा कने का मत लव ये है :कि
जो कुछ है दुनिया में : है :वो ये है :
अक्षर ज्ञान :आप सीखो और दुसरो को सिखाओ :
सब के जीवन और मृत्यू के मालिक है :
सुख और दुःख सब इनसे ही मिलते है :
सभी जीवो  के कर्मो का हिसाव किताब ये रखते है :
सभी योनियों को कर्मो के हिसाव से ये ट्रांसफर ये करते है :
जेसा  जिस   का  कर्म  वेसी  उस   योनी :
अक्षर  <span>ही</span>   देते  है इन्शान हो अमीरी गरीबी   :
अपने जीवन में सुख  दुःख  हारी  बिमारी :
सन्तान निसंतान बीबी बच्चे घर  परिवार :
यही बनाते है हमे राजा और रंक    :
जब  ये  अक्षर किसी पर  महरवान होते है :
तो इन्शान को भगवान स्वरूप बनादेते है :
और जानवरों को पूज्यवान बनादेते है :
इस से जादा में आपको और क्या बताऊ :
अबतो सायद आपकी  समझ में आगया होगा :
कि अक्षरों की  ताकत कितनी है :
और अधिक जान्ने के लिए पड़ते रहे ;
चौधरी अक्षर के नोट :और हर नोट पर :
अपनी टिप्पणी करना  न  भूले :
अधिक जानकारी के लिए हमे फोन   करे :
फोन न 919904271497 :
या मेल करे :
कोपी रायट २०१०:2011
चौधरी अक्षर ज्योतिष :
लेखक जगदीश भाई चौधरी
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or  ye {12}akshr apne jeevn me or pne srir me

aao

आओ हिंदी अक्षरों की पहचान देखे :जो आज तक दुनिया में कोई नही जानता वो चीज आज आप जाने :चौधरी अक्षर ज्योतिष का : भाग {1 }

अ आ इ ई:ये नर योनी है :
उ ऊ ए ऐ :ये पित्रू योनी  है :
ओ ऑ अं अँ : ये देव  योनी है :
ये तोनो योनिया नर रूपा है :
इन में से {अ } ने तीनबार अवतार लिया है :
{१] {अ }भगवान श्री  व्रिह्म्मा जी :
{२}ऑ }भगवान श्री विष्णु जी :
{३] अं }भगवान श्री महेश जी :
क्यों कि ये तीनो एक ही रूप है
ऐसे तीन बार अवतार {ई } ने  लिया है :
{१} माता श्री स्वरसती जी :
{२} माता श्री लक्ष्मी  जी :
{३} माता श्री सक्ति   जी :
ये तोनो  मानव   रूपा है :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
बाकी की योनियो के  बारे में निचे पड़े :
अ ई ऊ ऐ :ये {4}प्रिकार होते योनियों के :
मानव में देखोगे तो भी चार प्रिकार होते है :
नारी चार प्रिकार की होती है :
<span>प्रित्रुओ </span>   में भी चार प्रिकार होते है :
देवो में देखो तो चार प्रकार होते है :
जानवरो में देखो तो भी चार होते है :
उधारन के तोर पर में एक जानवर के :
बारे में लिख  <span>रहा</span>  हु बाकी के अपने आप :
सेट कर लेना क्यों कि समझ दार को इशारा काफी है:
       अ             ई                     ऊ              ऐ              {अं }
{१]कुत्ता :{२}घोदुआ :{३}लकड़भग्गा :{४}भेडिया:
   { क }       { ख }              { ग }        { घ }........{.ड़ }.
     क ...........ख .............ग ..........घ ........ { ङ }
    च............ छ..............ज............ झ.........{ ञ }
   ट.............. ठ............. ड.............ढ.........{ ण }
   त............  थ............. द.............ध.........{.न }
  प.............  फ...........  ब........... .भ..........{म }
  य.............. र ............ ल ........ व    
  श............  ष .............स............श्र ...........{}           
  ह.............क्ष............. ज्ञ ..........  त्र............{{}
 ये चारो का रूप एक ही है:
जेसे जेसे अक्षर आगे बड़ते जाते है :
वेसे वेसे ही जहर बड़ता  जाता है :
ये सभी अक्षर अलग अलग योनियों के है ;
आप किस योनी में से आये है :
आप अपने नाम के अक्षर मिलाये :
और उस अक्षर कि योनी मिलाये :
आपका सुभाव जीस योनी से मिलता है :
मानो आप उन योनी में से आये है :
जब कोई जीव अच्छे काम करता है :
तो उसे मानव योनी मिलती है :
और जब मानव अच्छे कर्म करता है :
तो उसे देव योनी मिलती है :
जब देवलोक में देवताओ से भूल होती है :
तो उसे भी उसी प्रिकार की योनी मिलती है :
जिस प्रिकार की उस देव ने भूल की है :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
मक्खियों में देखो तो भी चार प्रिकार होते है :
     {१}                   {२}             {३}               {४]
{१}मक्खी : {२]मध् माखी  {३}:पहाडू माखी {४} ततैया :
    { क }              {ख }              {ग }                {घ }
ये चारो का रूप एक ही है:
जेसे जेसे अक्षर आगे बड़ते जाते है :
वेसे वेसे ही जहर बड़ता  जाता है
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
हमने सिर्फ उधारन लिखे बाकी आप अपने नाम के आधार पर सेट करले :
अगर अभी भी आपकी समझ में नही आरहा  तो हमे फोन कर के पूछ सकते है :
 हमारा नाम :जगदीश  भाई  चौधरी  :
फोन न .919904271497 है  
 चौधरी अक्षर ज्योतिष :

शनिवार, 29 जनवरी 2011

नाम में महात्रा की जानकारी भाग {१}

प्रिय दोस्तों आज में बहुत ही अनमोल बात बता रहा हु :
नाम के अक्षरों में महात्रा के लगाए :
आ के :अक्षरों पर इ उ ऐ ओ अं की महात्रा बहुत ही नुकशान दायक होती है :
 और इन के अक्षरों   इ उ ऐ ओ अं के अक्षरों पर आ की महात्रा फायदा करती है :
इ के अक्षरों  पर आ की महात्रा फायदा कारक है :
और आ के अक्षरों इ की महात्रा नुकशान कारक है
और इन सब के अक्षरों पर  उ ऐ ओ अं  इ की महात्रा फायदा कारक है :
उ की महात्रा  इ आ के अक्षरों पर नुकशान कारक है :
ऐ ओ अं के अक्षरों पर फायदा कारक है :
ऐ की महात्रा आ इ उ के अक्षरों पर नुकशान दायक है :
और ओ अं के अक्षरों ऐ की महात्रा फायदा कारक है :
ओ की महात्रा अं की अक्षरों पर फायदा कारक है :
और आ इ उ ऐ के अक्षरों पर नुकशान दायक है :
अं की महात्रा अपने अक्षरों को <span>छोड़</span>  कर   :
आ इ उ ऐ ओ इन सभी के अक्षरों पर नुकशान दायक है :
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
आप किसी का भी नाम कर्ण करते हो तो :
अक्षरों के साथ साथ अक्षरों की महात्रा का जरुर ध्यान देना जरूरी है :
चाहे आप किसी का भी नाम कर्ण कर रहे हो :
चाहे वो नाम बच्चे का हो
चाहे वो नाम फेक्ट्री  का हो :
चाहे वो नाम  दूकान  का हो:
अपनी लाय्फ़ में किसी का भी नाम कर्ण कर रहे हो :
इन बातो का जरुर ध्यान देना है :
अधिक जानकारी के लिए फोन करे :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
फोन न 919904271497 :
लेखक ज्योतिषी जगदीश भाई चौधरी :
अक्षर ज्ञान ही महा ज्ञान है :
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
chaudhry  akshr jyotish


बुधवार, 26 जनवरी 2011

{} अक्षर योग साधना की समझ {} भाग { 1 }

अं =क ख =च छ
ट ठ = त थ =प फ =य र श ष
क्ष
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::;;;;;;;;;;::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
अक्षर योग और साधना  :आपने  अपने  जीवन सायद पहली बार सुना होगा :
जब किसी चीज की पहली बार खोज की जाती है तो नया ही लगता है  :
अक्षर योग और साधना की खोज पृथ्वी पर पहली बार की गयी है  :
अक्षर योग और साधना मानव के लिए राम बाण की तरह है  :
अक्षर योग साधना एक इसी साधना है :
जिस से इन्सान ओने जीवन को सफलता की और लेके जासकता है :
.........................................................................................
अक्षर योग और साधना को मेरा नेट पर लिखने का कोई इरादा नही था :
मगर कोगो के प्यार ने और उनके बिसबास ने :
मुझे लिखने पर मजबूर ;कर दिया :
कि में अक्षर योग और साधना के बारे में लिखू  :
में अक्षर योग साधना के बिसे में लिखने से पहले :
में आपको कुछ सावधनिया बताऊगा जो आपको बरतनी होगी :
आपको अपनी मर्जी से अक्षर योग अथवा साधना नही करनी है :
क्यों कि आपकी अपनी मर्जी से किये गये योग साधना :
आपको काफी हानि पंहुचा सकती है :
इसी लिए ये अक्षर योग साधना बहुत ही सोच समझ के कि जासकती है :
जिस तरह सी लिखा गया है :
आप  उसी तरह से योग सुरु करे :
.................................................................................
 सुरु करने से  पहले आपको हमे फोन कर के  बताना :
 होगा  कि आप अक्षर योग क्यों करना कहते है :
                फोन न 919904271497
..................................................................................
अक्षर योग  साधना सुरु कने से पहले आप अपने सरीर को :
स्वछ करे :जेसे कि सुबह कुल्ला दातुन करने के बाद :
और सामको खाना खाने से एक घंटा पहले :
इस योग को किया जासकता है :
...............................................................................
अक्षर योग और साधना अपने नाम के हिसाब से कीया जाता है :
सभी को एक तरीके से नही करना है :
......................................................................
अक्षर योग आपको करना क्यों है   :
{ ! } क्या आप कोई असादय रोग से परेशान है :
{ २ }क्या आपका धंदा नही चलरहा है :
{ ३ }क्या आपको धन्दे में हानि होरही है :
{ ४ }क्या आपको नोकरी नही मिल रही है :
{ ५ }क्या आपके हाथो में जस नही है :
{ ६ }क्या आपका पड़ाई में मन नही लगरहा है :
{७ }क्या आपको भूलने की बिमारी है :
{८ }क्या आप अपने सरीर की ऊर्जा सकती बडाना चाहते हो :
{९} क्या आप अपने ईस्ट देव को मनाना चाहते हो :
{१०} क्या  आपका   भक्ति में मन नही लगता :
{११}क्या आपकी बात किसीको अच्छी नही लगती :
{१२}क्या आपको गुस्सा बहुत आता है :
....................................................................
{१३}क्या आप कुदरती सकती पाना चाहते हो
 ये पारवारिक इंशानो के लिए नही है :
संत फकीर बाबा सन्यासीयो के लिए है :
या फिर आप घर से मुक्त हो और :
आपकी उम्र {50 } से उपर होनी चाहिए :
.....................................................................
इतने प्रकारों में से आपको किस की जरूरत है :
उसीके हिशाब से आपको अक्षर योग बताया जाएगा :
अक्षर योग आपके नाम और आपकी उम्र के हिसाब से :
किया जाता है :
   लेखक :जगदीश भाई चौधरी :}
           {    फोन न 09904271497    }
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
ज्ञ त्र
=

akshr yog

akshr  योग  और  साधना   

रविवार, 23 जनवरी 2011

अक्षर और बिमारी भाग { 2 }इ दुसित है तो

अ     इ    उ    ए    अं =
क  ख     ग     घ   ङ =
च  छ    ज    झ    ञ =
ट  ठ      ड     ढ     ण =
त  थ    द     ध     न =
प  फ    ब     भ    म =
य  र    ल     व    
श  ष    स     ह
क्ष  ज्ञ   त्र
;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

इ अगर  आपकी दुसित है या इ की महात्रा आपके के नाम में  दुसित है या इ के अक्षर आपके नाम में दुसित है :
तो पानी से लगती बिमारीयो का सामना आपको करना ही  पड़ेगा :
जेसे  ki  सरीर में पानी की कमी रहेगी पानी से लगती बिमारी आपको लगती रहेगी :
टायफोड़ :जोंडिस :पीलिया :मल खुसक:एसिडिटी :कब्जी पानी में दूवना :सर्दी :
खाशी जुकाम :लगेही रहेगे :
इ   के अक्षरों पर आ  की महात्रा बहुत ही अच्छी होती है :
बाकी के अक्षरों की महात्रा इ के अक्षरों पर नुकशान  दायक  होती है
बच्चे का नाम कर्ण करते समय  इस  बात का  जरुर ध्यान रक्खे :
इ की महत्रा आ के अक्षरों पर बहुत बुरा असर करती है ;
अगर आप इ के अक्षर बाले है और आप इसी किसी बिमारी से परेशां है :
तो घबराए नही फोन करे  और इ के योग से अपनी बीमारियों से
हमेशा के लिए छुटकारा पाए :
लेखक जगदीश भाई चौधरी
फोन न 919904271497
<Photo 1>                      

{} अक्षर और बिमारी भाग :; 2 :: अ इ उ ए ओ अं {}

इ अगर आपके नाम में दुसित है :या इ कि महात्रा आपके नाम में दुसित है या इ :के अक्षर आपके नाम में दुसित है तो या इ  का स्वर किसी अक्षर ने बंद कर दिया है तो आपको इन समस्याओं सामना करना पड़ेगा :
पानी से लगती हुई बिमारी आपको हेरान परेसान कर सकती है जेसे कि :सरीर में पानी की कमी रहसकती है :
पानी से पैदा होने बाली बिमारी हेरान परेशान कर सकती है जेसे कि : जोंडिस पीलिया टा

शनिवार, 22 जनवरी 2011

Posted by Picasa

{} अक्षर और बिमारी अ इ उ ए ओ अं {}

       अं          इ            उ            ए            ओ               अं      
    हवा      पानी     अग्नि         अन्न      आकाश         प्रथ्वी                                                 
 इन सब से हमारा  सरीर चलता है :इन में से कोई भी चीज की कमी हमारे सरीर  को  :        
   वीमार कर देती है और हम रोगी होजाते है :कभी हम डोक्टर के यहा चक्कर लगाते है :   
    तो कभी हम ज्योतिषियों के यहा तो कभी हम भोआ ओ के यहा कभी हम त्रिन्तिक के :      
 यहा चक्कर लगाते है मगर फीर भी हमे कोई फायदा नही मिलता है तो हम हार करके :      
  डॉक्टर की बात मान कर हम हमेश के लिए दवा चालू कर देते है : और दवा खाखाकरके :  
  हमारा सरीर सरीर न रहकर मेडिकल स्टोर बन जाता है
                                                    {}अब हम आपको बताते है  {}                                                      

         {}  अक्षर और बिमारी के बारे में {}
1} :अ :अगर आपके नाम में दुसित है या आ :की महात्रा आपके नाम में दुसित है :
तो या फीर {आ }के अक्षर आपके नाम में दुसित है तो ::
हवा से लगती हुई बिमारी आपको लगजायेगी :जेसे कि लकवा पेट में गेस :
बादी कब्जी मुटापा नाक बंद सर्दी खासी स्वास ब्लड पेसर :हाई या लो :
हो सकता है और गुस्सा बहुत आसकता   है और  भी हवा से लगती हुई बिमारी इन लोगो को हो सकती है :
                {}  ये बिमारी कब और केसे लगती है {}
आ }के अक्षरों पर {इ }या {उ} या {ए }या {ओ }या {अं }की महात्रा लगजाये तो ::
या इन अक्षरों का आधा अक्षर लगजाये तो :या बंद सुर हो तो  इन इन्शान  को ::
बीमारियों का सामना करता है ::
अगर आप आ  अक्षर बाले इन्शान है और आपको इसी  किसी बिमारी ने ::
घेर रक्खा है तो :फोन करे :फ्री सेवा है सभी के लिए :
फोन .न .919904271497 फोन करने का समय सुबह ११ से साम के ६ बजे तक
 :
                    
                       {}   लेखक :जगदीश भाई चौधरी   {}
अं =क ख =च छ
ट ठ = त थ =प फ =य र श ष
क्ष
ज्ञ त्र
=

बुधवार, 19 जनवरी 2011

सब से  पहले  आप जाने अक्षरों के बारे में                        
                                                    

शनिवार, 8 जनवरी 2011

{}; अपने पित्रू ओ को हम मोक्ष केसे दिलाये :{}

अपने पित्रू ओ को हम मोक्ष केसे दिलाये :

मेरे प्रिय दोस्तों :पित्रू ओ को मोक्ष दिलाना किसी { यज्ञ से कम नही होता :}
पित्रू दोस की बिधी बहुत ही सादा तरीके से होती है
:कोई खास खर्चा नही होता :बस इतना करे
कि आप किसी अच्छे इस्थान पर जाकर ये विधि कर सकते है :
जेसे कि गंगा जमुना या त्रिवेणी संगम में ये विधि की जा सकती है :
अथवा तो :{ गया जी :कासी : इलाहवाद :हरिदुवार :कुरछेत्र:में होती है :
इनमे से किसी भी घाट पर जाकर ये विधि करे :और ये विधि समुन्दर के
घाट पर भी कर सकते है :
[याद रहे ये विधि बुधवार को करे ";या फिर अमावस्या को करे :}
{बाकी के दिनों में ये विधि नही होती :}

{पित्रू दोस की विधि की सामिग्री }

एक किलो दोसो पचास ग्राम जो का आटा { 1 . 250 ग्राम }
और इतना ही दूध ले : { 1 . 250 ग्राम }
नही तो गंगा जल ले ले :
और { 54} पिंड बनाये :एक थाली में {54 } पिंडो को रखले :
और सभी पिंडो को चन्दन से तिलक करे :
गुलाव के फुल तल चावल उन उपर चदाये
और किसी भी घाट पर जाकर आसन बिछा कर बेठे :
: पलाठी लगाकर :
फिर बारह वार ये मन्त्र बोले :
{ मन्त्र }>सदा भवानी दाहिनी :गोरी पुत्र गणेश :}

[ पांचो देव मेरी रक्षा करो ब्रह्ममाँ विष्णू महेश :}

उस के बाद माता गंगा जी का आहवान करो :

माता गंगा जी का { मन्त्र }माफ़ करे {में लिख नही सकता:
इसी लिए में अपना मोबायल नंबर लिख रहा हु :

फिर मुझे फोन करे :919904271497 :फोन कर ने के दो पाच मिनट बाद वहा माता गंगा जी का आहवान :

होजायेगा और आपको वहा माता गंगा जी दिखने लगेगी :उनके आनेका आभास आपको जरुर होगा :

अगर आप गंगा घाट पर नही है तो

महर वानी कर के हमे एक दो दिन पहले कहना होगा :कि कल हमे पिंड दान करने जाना है :

दर पिंड दान करते समय जो आप को बोलना है वो में आपको फोन पर ही बता दूंगा :

फिर श्री गणेशाय बोलकर पिंड दान सुरु करे :



{}ध्यान रहे {}जो

पिंडो के में नाम लिख रहा हु :और उनमे से कोई हाजिर है तो उस इन्शान का नाम निकाल कर :

उनका नाम लिखे जो हाजिर नही है :

{१}गुरु जी का
{२}गुरु माता का
{३}भगवान श्री व्रह्म्मा, जी को अरपित करे और
{4} माता स्वरसती
{५} विष्णू जी का
{६]लक्ष्मी जी का
{७}सिव जी का
{८}पार्वती जी का
{९}कुल देव का
{१०}कुलदेवी का
{११}कुल गुरु का
{12} कुल गुरु माता का
{13}पिता जी
{१४}माँ का
{१५}दादा जी का
{१६}दादी जी क
{१७}नाना जी का
{१८ननि जी का
{१९}काका जी का
{२०}काकी जी का
{२१}भाई का
{२२}बहन का
{23.24 }मामा मामी
{२५.२६ }माशा माशी
{२७.२८ }पर दादा और पर दादी का
{२९}अपने पालतू जानवर का गाय
{३०} बेल
{३१.३२ }भेस भेसा
{३३.34}कुत्ताकुतिया
{३५.36}घोडा घोड़ी
{३७}जो जीव आप मकान बनाते समय हत्या हुई है उनका
{३८}आपके चलते समय होई कार्य करते समय जीव ह्त्या हुई है उनका
{३९}आपने जान बुझ कर मारा है उनका
{४०}जो पेरो पर चलते है वो
{४१}परों से उड़ते है वो
{४२}जो पेट के बल से चलते है वो
{४३}जमीन में से उगते है वो
{४४}पूर्व दिशा में रहते है वो
{४५}पछिम दिशा में रहते है वो
{४६}उत्तर दिशा में रहते है वो
{४७}दछिन दिशा में रहते है वो
{४८.49 }अपने पिछले जन्म के माता पिता को पिंड दान करे
{५०}अपने पिछले जन्म के सह पूर्वज को पिंड दान करे
[५१}इक्यावन माँ पिंड :प्रीत य्योनी में रहते वो
{५२} देव य्योनी में रहते है वो
{53}धरती के निचे रहते है वो
{५४}धरती से उपर रहते है वो :
ये सभी पिंड दान बहुत ही सांति के सांति के साथ करे :
अपने पंडित जी के साथ कराये तो बहुत ही अच्छा रहिगा :
कोई भी कारण बस अगर कुछ पिंड आपके पास बचते है :
तो आप एक पिंड लेकर ये मन्त्र बोल कर पिंड दान करे :
{ मन्त्र }
{१}गुरु व्रह्म्मा गुरु विष्णु गुरु महेश राय :
{२}माता स्वरसती माता लक्ष्मी माता महेश्वरी :
इन { मन्त्र }को बोलकर पिंडो को पूरा करे :
जो दूध या गंगा जल आपके पास है वो वही गंगा जी में
चदाये और अपने घर चले जाए पीछे मुड कर न देखे :
अपने घर की छत पर सात बुध वार एक अगरबती लगाये :
भगवान की क्रपा से आपके सारे काम पुरे होंगे
{} जय माता की {}

आपके अपने जगदीश भाई चौधरी :

फोन : 919904271497 :

chaudhri jyotish jagdish bhai: चौधरी अक्षर ज्योतिष

chaudhri jyotish jagdish bhai: चौधरी अक्षर ज्योतिष

गुरुवार, 6 जनवरी 2011

{ चौधरी अक्षर ज्योतिष सीखे }

चौधरी अक्षर ज्योतिष सीखे :

मेरे प्रिय दोस्तों :

हमारे या आपके यहाँ या संसार के किसी भी घर में जब बच्चा पैदा होता है :तब हम उस बच्चे का नाम कर्ण करते है :

किसी के समाज 6 दिन बाद और किसी समाज में 10 दिन बाद :किसी में सबा महीने बाद :

नाम कर्ण करने में हम अपने महमानों को बुलाकर पंडित जी के दुवारा नाम कर्ण करते है :

मगर नातो आपके महमान जानते है :बच्चो के नामकरण के बारे में :और नाही पंडित जी जानते है :

कि नाम,कर्ण सही तरीके से केसे होता है :वो भी आपको उतना ही बता सकते है :

जितना पंचाग बताता है चंद्रमा के हिसाब कि .चंद्रमा कोण से घर में है :

उसके हिसाब से नाम का पहला अक्षर बताते है :और उसके बाद आप और हम उस बच्चे का नाम रखते है :

.............. {उधारण के तोर पर }......... ..



पंडित जी :ने मकर राशि बताई और :ख :ज :अक्षर बताये :तो पंडित जी दो अक्षर बताये है :

और बाकी के अक्षर घर बालो ने उमर कर बच्चे का नाम सब ने {जगदीश } रख दिया है :

एक अक्षर पंडित जी ने बता दिया और बाकी के अक्षर घर बालो ने उमर दिए :

{जगदीश }नाम सब को बहुत प्यारा लगा :क्यों कि {भगवान विष्णु जी }का एक नाम जगदीश है :

भगवान का नाम तो सबको प्रिय होता ही है इसी लिए बच्चे का नाम जगदीश रख दिया :

न तो घर वाले ही जानते है और नहीं कोई पंडित जी पूछते है के{ ज} के बाद जो {ग }आता है

क्या वो सही है {ग} के बाद {दी} आता है क्या वो सही है और {दी} के बाद {श} आता है क्या वो सही है

बस भगवान का नाम समजकर रख दिया

आपने कभी ये जानने की कोसिस नहीं कि वो जगदीश ने कोण से वार को अबतार लिया था :

उनका अबतार लेने का समय कोन सा था :

महिना कोन सा था

दिन कोन सा था

बार कोन सा था

वो समय कोन सा था वो घड़ी कोन सी थी

ये तो आपने नही जाना और बच्चे का नाम जगदीश रख दिया :

और नाही आपको अक्षर ज्ञान है :

तो फीर बच्चे का नाम जगदीश केसे रख दिया :

एक जगदीश को हम ने डॉक्टर बनते देखा है :

एक जगदीश इंजीनियर है

एक जगदीश बकील है एक जगदीश करोड़ पति है :

एक जगदीश रोड पति है :

एक जगदीश अनाडी है :

एक जगदीश भिकारी है :

ऐसे ही नाना प्रकार जगदीश भारत भरे पड़े है :

आज अगर में जगदीशो के बारे में लिखता रहा तो :

दुनिया में एक और जगदीश ग्रिन्थ बन जाएगा :

मगर जगदीश का इतिहाश खतम नही होगा :

मेरा आपसे यही कहना है :

कि इस तरह से बच्चो के नाम कर्ण नही होता :

बच्चो का नाम कर्ण करने के लिए अक्षर ज्ञान होना बहुत जरुरी है :

नाम कर्ण करने के लिए आपको चाहिए इन कि जानकारी :

{१]अक्षर ज्ञान :

{२} सुर ज्ञान :

{३}दिशा का ज्ञान :

{४} ये तीनो ज्ञान पूरी तरह से आने चाहिए :

फिर आप नाम कर्ण कर सकते है



:अधिक जानकारी के लिए फोन करे 919904271497

:लेखक :जगदीश भाई चौधरी :

रविवार, 2 जनवरी 2011

{{अ } { अक्षर ब्रह्माड का पहला अक्षर है }

{अ } अक्षर के बारे में आज बताता हु : {अ} अक्षर ब्रह्माड का पहला अक्षर है :

और ये निराकार है ये हर अक्षर के अंदर है क्यों कि ये बिज है :

और अ >का जो सुर है वो कंठ का है अक्षर ज्योतिष में अक्षर के साथ साथ

सुर का भी सीखना जरूरी है :अ का योग बहुत महत पुण है : जेसे {अ } के बिना पढाई सुरु नही कि :जा सकती :

इसे ही {अ }के योग के बिना जिन्दगी सफल बन नही सकती :

और { अ }की साधना तो क्या साधना है : कोई इन्शान अगर {अ }की साधना :

को जीवन में एक बार करले उस इन्शान को किसीकी अराधना करने जरूरत

नही पड़ेगी :क्यों की {अ }ही भ्रम है

{ अ }योग { अ }साधना } करने से पहलें आप अपने गुरु की सलाह जरुर ले :
{{ ख़ास चेताबनी }

{हाथ जोडकर सभी से बिनती है }कि :अ इ उ ए अं =

{अ}का योग {अ }की साधना }>किसी भी पारवारिक इन्शान के लिए नही है :

जो ईशान ग्रिती में है और उस का कोई गुरु है और वो आप से

{अ }का योग या { अ }की साधना करने को कहते है तो आप खुद जान जाइए :

कि हमारे गुरु को अक्षर ज्ञान नही है :देखिये हर इन्शान को हर ज्ञान नही होता :

देखिये आकाश निचे और पाताल उपर {84 }लाख योनिया है और हर योनी का :

एक देवता है ये बात तो सभी महान पुरुष जानते है :}

और हर देवता के पास अपनी खुद की सक्तिया है }

बसे में आगे पारिबारिक लोगो के लिया भी लिखुगा :अ इ उ ए अं = ये बिज है :
इनकी साधना हर इन्शान के लिए नही है

अधिक जानकारी के लिए फोन करे न 919904271497 है

लेखक : जगदीश भाई चौधरी
:

चौधरी अक्षर ज्योतिष

चौधरी अक्षर ज्योतिष एक इसी ज्योतिष है जो सब से अलग है :

ये अक्षर के ज्ञान से बनी ज्योतिष है इस अक्षर ज्योतिष में सब से पहले देखा जाता है इन्सान का नाम :

फिर माता पिता का नाम :और फिर बीबी और बेटे का नाम: इन सब के नामो के अक्षरो को मिलाके भविष्य कहा जाता :

ये अक्षर ज्योतिष में अक्षरोंको मिलाने के बाद फिर अक्षरों का सुर देखना देखना पड़ता है :उस के बाद ये देखना पड़ता है :

कि कोनसा अक्षर कोनसे अक्षर को मार रहा है फिर ये भी देखना पड़ता है :

कि किसका अक्षर किसके अक्षर को मार रहा है एसी कोंसी बजए है जो घर में मुसीबत आई है :

और किस तरह की मुसीबत आने बाली है इन अक्षरों से पता पड़ता है :और ये जानना जरूरी है :

{ मुसीबत क्यों आती है }

मुसीबत आने के कारण ये है

कही आप का नाम दिसा सुर तो नही है :कही आपको जन्म जात दोस तो नही है :

कही आपका मकान दोस तो नही है कही आपका मकान दिशा सुर टी नही है :

कही आप को नारी दोस तो नही है :कही पुत्र दोस तो नही है :

कही देव दोस तो नही है : कही आप को पितृ दोस तो नही है :

कही आप को नगर दोस तो नही है :ये सबकुछ पता चलता है :

आपके नाम के अक्षरों से और अधिक जानकारी के लिए :

रूबरू मिले :पता :हेनी गारमेंट परा बजार लुनावाडा पंच महल गुजरात { इण्डिया :}

या सम्पर्क करे या मेल करेchiraglunawada@yahoo.com पर

या फोन करे 919904271497 लेखक ज्योतिषी जगदीश भाई चौधरी :

: फ्री सेवा सभी के लिए :
चौधरी अक्षर ज्योतिष एक इसी ज्योतिष है जो सब से अलग है :

ये अक्षर के ज्ञान से बनी ज्योतिष है इस अक्षर ज्योतिष में सब से पहले देखा जाता है इन्सान का नाम :

फिर माता पिता का नाम :और फिर बीबी और बेटे का नाम: इन सब के नामो के अक्षरो को मिलाके भविष्य कहा जाता :

ये अक्षर ज्योतिष में अक्षरोंको मिलाने के बाद फिर अक्षरों का सुर देखना देखना पड़ता है :उस के बाद ये देखना पड़ता है :

कि कोनसा अक्षर कोनसे अक्षर को मार रहा है फिर ये भी देखना पड़ता है :

कि किसका अक्षर किसके अक्षर को मार रहा है एसी कोंसी बजए है जो घर में मुसीबत आई है :

और किस तरह की मुसीबत आने बाली है इन अक्षरों से पता पड़ता है :और ये जानना जरूरी है :

{ मुसीबत क्यों आती है }

मुसीबत आने के कारण ये है

कही आप का नाम दिसा सुर तो नही है :कही आपको जन्म जात दोस तो नही है :

कही आपका मकान दोस तो नही है कही आपका मकान दिशा सुर टी नही है :

कही आप को नारी दोस तो नही है :कही पुत्र दोस तो नही है :

कही देव दोस तो नही है : कही आप को पितृ दोस तो नही है :

कही आप को नगर दोस तो नही है :ये सबकुछ पता चलता है :

आपके नाम के अक्षरों से और अधिक जानकारी के लिए :

रूबरू मिले :पता :हेनी गारमेंट परा बजार लुनावाडा पंच महल गुजरात { इण्डिया :}

या सम्पर्क करे पर या मेल करेchiraglunawada@yahoo.com पर

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chaudhri jyotish jagdish bhai: chaudhry akshr jyotish

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