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चौधरी अक्षर ज्योतिष .:में<>
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हम आपको अक्षरों को कुछ इस तरह से पढ़ायेगे कि आपका जीवन सफल हो जायेगा :
आप की सात पीड़ीयाँ तो क्या आपके सात जन्म तो क्या :
जब तक पातळ और आकाश रहेगा तब तक आपका बंस रहेगा :
आपके बंस को दुबोदेने की छमता किसी में नही होगी :
सभी वेज्ञानिक :और ज्योतियों की भविष्य बाड़ियाँ गलत सावित होंगी :
प्रथ्वी हमेश आवाद रहेगी :आपको कोई गुमराह नही कर सकता :
आप कभी अपने जीवन में दुःख नही देख पाओगे :
आप कभी अपने जीवन में दुःख नही देख पाओगे :
सुखसांति से हरा भरा आपका जीवन होगा :और आगे क्या लिखू आप खुद इतने समझ दार है :
की आप अपना अच्छा बुरा सोच सकते हो :
तो हम बात कर रहे थे {{ अक्षरों का अवतार भाग तीन में }
इन चारो ने घोर तप किया और अपने तप की सकती से आकाश और पातळ हिला दिया :
तब आकाश और पातळ ने इनको आकर पूछा ये ताप किस लिए तब चारो ने बताया
कि जो हम से उत्पन्न हुए है उनके अंदर हम से अधिक सकती है :
तब आकाश ने अ और उ को उनके समान सकती दी :
और पाताल {इ } और { ए } अपनी सकती दी :
मगर चारो अक्षरों को फिर संतोष नही हुआ :और मात्रा लेने से इनकार कर दिया :
हमको इनके समान सकती नही चाहिए :हमको कुछ और अधिक चाहिए :
आकाश और पातळ ने पूछा तो आपको क्या चाहिए :
तब चारोने मिलकर कहा जो हम से उत्पन हुए है :और हम उनके बराबर रहे तो हमारा अस्तुत क्या :
आकाश और पातळ की ये बात कुछ समझ में आई :और मात्राओ के सिवा
आकाश और पातळ ने व्रह्मांड में कुछ भी करने की सकती प्रदान की :
और कहा की अब आप चारो विर्ह्मांड के सब से सकती साली होगये हो :
आपके समान इस विर्ह्मांड में कोई दूसरा सकती साली नही होगा :
जब तक आकाश और पाताल रहेगे तब तक आप सब से सकती साली रहोगे :
चारो को बड़ा हर्ष हुआ :इस तरह से चारो अक्षरों को मात्रा ये मिली :
मगर अ :ने आकाश का पुत्र होने के कारण अपनी मात्रा को कभी स्तेमाल नही किया :
क्यों कि अ जो भी कार्य करता था पिता आकाश का आशीर्वाद लेकर करता था :
इसी लिए कभी अ को अपनी मात्रा की जरूरत नही पड़ी :
इसी लिए अ की मात्रा के विषय में कोई नही जानता :
जो इन्शान अपने माता पिता के
आशीर्वाद के बिना काम करता है उसे कभी पूण सफता नही मिलती :लेखक :जगदीश भाई चौधरी :
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आगे पढ़े {}भाग एक व्यंजनों का अवतार :