ll ॐ नव शिवाय ll

ll  ॐ नव शिवाय   ll
ll ॐ नव शिवाय ll

शनिवार, 22 जनवरी 2011

Posted by Picasa

{} अक्षर और बिमारी अ इ उ ए ओ अं {}

       अं          इ            उ            ए            ओ               अं      
    हवा      पानी     अग्नि         अन्न      आकाश         प्रथ्वी                                                 
 इन सब से हमारा  सरीर चलता है :इन में से कोई भी चीज की कमी हमारे सरीर  को  :        
   वीमार कर देती है और हम रोगी होजाते है :कभी हम डोक्टर के यहा चक्कर लगाते है :   
    तो कभी हम ज्योतिषियों के यहा तो कभी हम भोआ ओ के यहा कभी हम त्रिन्तिक के :      
 यहा चक्कर लगाते है मगर फीर भी हमे कोई फायदा नही मिलता है तो हम हार करके :      
  डॉक्टर की बात मान कर हम हमेश के लिए दवा चालू कर देते है : और दवा खाखाकरके :  
  हमारा सरीर सरीर न रहकर मेडिकल स्टोर बन जाता है
                                                    {}अब हम आपको बताते है  {}                                                      

         {}  अक्षर और बिमारी के बारे में {}
1} :अ :अगर आपके नाम में दुसित है या आ :की महात्रा आपके नाम में दुसित है :
तो या फीर {आ }के अक्षर आपके नाम में दुसित है तो ::
हवा से लगती हुई बिमारी आपको लगजायेगी :जेसे कि लकवा पेट में गेस :
बादी कब्जी मुटापा नाक बंद सर्दी खासी स्वास ब्लड पेसर :हाई या लो :
हो सकता है और गुस्सा बहुत आसकता   है और  भी हवा से लगती हुई बिमारी इन लोगो को हो सकती है :
                {}  ये बिमारी कब और केसे लगती है {}
आ }के अक्षरों पर {इ }या {उ} या {ए }या {ओ }या {अं }की महात्रा लगजाये तो ::
या इन अक्षरों का आधा अक्षर लगजाये तो :या बंद सुर हो तो  इन इन्शान  को ::
बीमारियों का सामना करता है ::
अगर आप आ  अक्षर बाले इन्शान है और आपको इसी  किसी बिमारी ने ::
घेर रक्खा है तो :फोन करे :फ्री सेवा है सभी के लिए :
फोन .न .919904271497 फोन करने का समय सुबह ११ से साम के ६ बजे तक
 :
                    
                       {}   लेखक :जगदीश भाई चौधरी   {}
अं =क ख =च छ
ट ठ = त थ =प फ =य र श ष
क्ष
ज्ञ त्र
=