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मंगलवार, 5 फ़रवरी 2013

}{ कविता }{ चौधरी अक्षर ज्योतिष विज्ञान की एक झलक कविता द्वारा




चौधरी अक्षर ज्योतिष विज्ञान
चौधरी अक्षर ज्योतिष विज्ञान की एक झलक कविता द्वारा

अक्षर है तो दुनियां है अक्षर के बिना अंधेरा 



अक्षर से ही चाद और सूरज अक्षर से बनें सवेरा ॥

अक्षर से ही धरती अम्बर और अक्षर से तारे 



अक्षर ही है भाग्य-विधाता लिखते भाग्य हमारे ॥

अक्षर से ही जीवन मृत्यु जो समझे वह ज्ञानी 

अक्षर से ही हवा चलती अक्षर से ही बरसे पानी ॥ 

अक्षर से ही वेदशास्त्र हैं अक्षर से ही बढ़ता ज्ञान 

अक्षर से ही सब जीव बनें है अक्षर से ही इन्सान ॥

अक्षर ही भूले - भटके राही को राह दिखाते है

नादान और अज्ञानी को अक्षर ही ज्ञान सिखाते है 
 ॥

अक्षर से ही विधि बनें और अक्षर से बनें विधान

अक्षर से ही गीता बनी और अक्षर से बनी कुर्रान
 ॥

अक्षर ज्ञान महाज्ञान हैं इसे मिलकर सीखो भाई

अक्षर से ही अमन बनें और अक्षर से बनें तबाही 
 ॥

अक्षर से ही सब देश बने हैं पर प्यारा है हिन्दुस्तान

जय हिन्द जय हिन्द जय जय हिन्दुस्तान ॥

चौधरी अक्षर ज्योतिष विज्ञान {R} , {c}copyright ’

लेखक : जगदीशभाई रामप्रसाद चौधरी

m , 9904271497


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