ll ॐ नव शिवाय ll

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गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011

पति पत्नी और बेटा स्वर दोस भाग दो {२}

अक्षर ज्योतिष को बहुत ही आशानी से समझा जा सकता है : ये अक्षर ज्योतिष आपके   परिवार 
का भविष्य बनाने के लिए बनी है : ये अक्षर ज्योतिष आपको गुमराह होने  से  बचाएगी : ये अक्षर ज्योतिष आपके कार्य को बढायेगी :आपको उन्नति दिलाएगी :
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 स: २१ मी सदी की नयी ज्योतिष :चौधरी अक्षर ज्योतिष

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प्रिय दोस्तों  ,  :आज हम आपको  बतायेगे  पिता और पुत्र के स्वर के विशे  में :
जो आपके परिवार के लिए बहुत अनमोल ये जानकारी होगी :
और आपको ये जानकर बहुत ही ख़ुशी होगी कि अक्षर  स्वर ज्ञान कितना अनमोल ज्ञान है :
ये अक्षर स्वर को समझना बहुत ही आसान  है  : स्वर  तीन {3}प्रकार होते है  एक अंदर का :
और दूसरा  बाहर का  और तीसरा होता है बंद जो कि स्वरबंद के नाम से पहेचाना  जाता है :
जो अक्षर मुह में जाकर मुह को बंद करदे वो स्वरबंद होता है और ये स्वर जब बनता है :
जब कोई अक्षर दुसरे अक्षर को मार रहा हो :ये रहा स्वर ज्ञान :
अब हम आपको बतायेगे कि ये स्वर अपने रिश्तो पर क्या असर करते है :
सब से पहले हम आपको बतायेगे उस रिश्ते के बारे में जिस रिश्ते से जीवन की :
शरुआत होती है  वो रिश्ता है पति और पत्नी  का :

पति पत्नी  के रिश्ते से जीवन की शरूआत होती है :
शादी करने से पहले स्वर मिला कर जरुर देखे :
स्वर दोनों का अंदर का तो नही होता है :
अगर स्वर  दोनों का अंदर का बनता है तो शादी न करे :
और अगर स्वर बंद का होता है तो शादी बिलकुल  ही न करे :

                  स्वर की पहचान कैसे करे 
स्वर की पहेचान करने का तरीका :
पहले लडके के नाम का पहला अक्षर ले :जेसे कि {र }
और बाद में लडकी के नाम का पहला अक्षर ले :जेसे कि { म }
फिर दोनों अक्षरों  को जोड़े  रम    और फिर दोनों अक्षरों को एक साथ बोले :रम 
ये स्वर बनता है : बंद का :रम :इस तरह स्वर मिलान करे
और ऐसे रिश्ते  कभी भी ना करे

अगर स्वर बाहर का बनता है तो शादी करे : जेसे कि 
लड़के  के नाम का पहला अक्षर है {र } 
और लडकी के नाम का पहला अक्षर है : स:
दोनों का स्वर देखो : रस आने सर
      ये स्वर दोनों तरफ से बाहर का होता है :
ऐसे जोड़े बड़ी किस्मत से बनते है :
आप भी किस्मत वाले बने और अपने घर में ऐसे जोड़े बनाए :
                     पिता और पुत्र  का मिल
और जब आपके घर में  पुत्र पैदा हो तो भी ऐसे ही नाम कर्ण करे :
पिता और पुत्र का स्वर दोनों तरफ से बाहर  का होना चाहिए :
अगर आप इन स्वरों का इस तरह से  ध्यान रक्खोगे तो :
आपका परिवार भारत का सर्वश्रेष्ट परिवार कहलायेगा :
भले ही आप कितने भी  नोर्मल परिवार के क्यों  न हो  
स्वर अपना काम कर के ही बतायेगा :
पुत्र का नाम कर्ण करने से पहले :
ये आप जरुर ध्यान देना कि आपको पुत्र दोस न लगे  : 
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चौधरी अक्षर ज्योतिष के :
लेखक :जगदीश भाई चौधरी :
लुनावाडा परा बजार गुजरात {इंडिया }
फोन न : 09904271497 :
 कोपी रायट २०१० :२०११ :
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बुधवार, 23 फ़रवरी 2011

लक्ष्मी योग :घर में शुख सांति और समुर्धि पाने का एक आसान योग :भाग {1}


 लक्ष्मी योग  :घर में शुख सांति और समुर्धि  पाने का एक आसान  योग   :भाग {1}
जिस तरह से भगवान सिव सो रहे है :आप भी सुवह और साम ऐसे ही  कम से कम :
दस मिनट सोया करे :आपके जीवन में कभी भी परेशानियां नही आयेगी :
मात्र दस मिनट सोने से आपका का घर खुशियों से भरता है तो इस से अच्छा :
तरीका आपके घर को आबाद करने का क्या होगा :
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                                    {}सुबह सोने का  तरीका {}
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जब आप सुबह जगे तो सब से पहले :करबट ले जेसे भगवान सिव ने ली है :
सीधा हाथ आपके धड के उपर रक्खे :
और खेरा हाथ कान के नीचे मोड़ कर रक्खे :
ये और भी अच्छा तरीका है :और जेसे भगवान सिव सोरहे है :
ऐसे भी आप सो सकते हो :ये दो तरीके है :आपके सोने के :
जब तक आपकी नाक का सीधा स्वर न  खुले  तब तक आप सोते रहे :
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                            {}रात को  सोने का  तरीका {}
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रात सोते समय सीधा हाथ मोड़ कर कान के नीचे होना चाहिए :
और उल्टा हाथ धड के उपर होना चाहिए :
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                               {} खास जानकारी {}
जेसे भगवान शिव का उपर का पैर मुड़ा हुआ है :
आपके दोनों पैर ऐसे ही मुड़े होने चाहिए :
और मुह से श्वास नही लेनी चाहिए :
किसी के साथ बात नही करनी चाहिए :
श्वास को नाक से ही ले :कोई भी प्रकार का  जोर न करे :
आँख  बंद कर के बस पड़े रहे :
और सरीर को अपने हिसाब से श्वास लेने दे :
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चौधरी अक्षर ज्योतिष के :
लेखक :जगदीश भाई चौधरी :
लुनावाडा परा बजार गुजरात {इंडिया }
फोन न : 09904271497 :
 कोपी रायट २०१० :२०११ :
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अक्षर ज्योतिष को बहुत ही आशानी से समझा जा सकता है :ये अक्षर ज्योतिष आपके परवार का भविष्य बनाने के लिए बनी है :ये अक्षर ज्योतिष आपको गुमराह होने बचाएगी :ये अक्षर ज्योतिष आपके कार्य बदाएगी :आपको उन्नति दिलाएगी
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सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

मकान दोस भाग दो {२ }

अक्षर ज्योतिष को बहुत ही आशानी से समझा जा सकता है : ये अक्षर ज्योतिष आपके परवार का भविष्य बनाने के लिए बनी है : ये अक्षर ज्योतिष आपको गुमराह होने बचाएगी : ये अक्षर ज्योतिष आपके कार्य badaayegi :
 :आपको उन्नति दिलाएगी
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                                               {} मकान दोस भाग दो {२ }
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प्रिय दोस्तों आप अगर मकान बना रहे है :
या बनाना चाहते है तो इतना ध्यान जरुर रक्खे :
सब से पहले आप अपने नाम के अक्षर देखे :
कि आपके नाम में कितने अक्षर है :
अगर आपके नाम में दो अक्षर और दो मात्रा है :
तो आप  मकान पूर्व या पछिम का बनाए :
तिन अक्षर और एक मात्रा है तो भी :
आप  मकान पूर्व या पछिम का बनाए :
ढाई या  साडे तिन अक्षर है :तो भी :
आप  मकान पूर्व या पछिम का बनाए :
और मकान तिन रूम रसोड़ा का ही होना चाहिए :
अथवा तो पांच रूम रसोड़ा का होना चाहिए :
मेरा कहने का एक ही मतलव है कि आपके नाम में :
जितने अक्षर है उतने ही रूम होने चाहिए :
आधा अक्षर रसोड़े का होता है :
और मात्रा ट्टी बाथरूम होती है :
एसा मकान आप बनाओगे तो आपको कभी भी :
परेसानी नही आएगी ;
आपके नाम में चार  अक्षर है तो आप चार रूम का मकान बनाए :
और चार अक्षर बाले अपना मकान उत्तर या दखिन का बनाए :
कभी भी आपको मकान के बिसे में किसी ज्योतिषी को :
पूछना नही पड़ेगा :
आप सदा सर्व शुखी इंसान कहला ओगे
आपका कोई काम नही रुकेगा :
और आपको मकान दिशासुर नही नडेगा :
इस तरीके से आप मकान बना ओगे तो :
आपका जीवन शुख सांति से कटेगा :
आपका  परिवार सुखी परिवार कहलायेगा :
मकान के बिसे में और अधिक जानकारी :
चाहिए तो हम से सम्पर्क करे :
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अगर आपको  या आपके कोई रिश्तेदार को ये  मकान दोष है :
तो हम से सम्पर्क के :
फ्री चार्ज है सभी के लिए :
परेशान न हो  फोन करे फ्री सेवा  है :
कोई भी प्रकार का ज्योतिष चार्ज नही है :
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चौधरी अक्षर ज्योतिष के :
लेखक :जगदीश भाई चौधरी :
लुनावाडा परा बजार गुजरात {इंडिया }
फोन न : 09904271497 :
 कोपी रायट २०१० :२०११ :
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रविवार, 20 फ़रवरी 2011

जन्म भूमि दोस केसे लगता है :भाग {१}

अक्षर ज्योतिष को बहुत ही आशानी से समझा जा सकता है :
 ये अक्षर ज्योतिष आपके परवार का भविष्य बनाने के लिए बनी है :
 ये अक्षर ज्योतिष आपको गुमराह होने बचाएगी :
 ये अक्षर ज्योतिष आपके कार्य को बढायेगी :आपको उन्नति दिलाएगी :
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मेरे प्रिय दोस्तों आज हम आपको बतायेगे कि जन्म भूमि दोस केसे लगता है  :
इन्शान अपने गाँव में पैदा तो होता है :
मगर जब तक अपने गाँव में रहेगा तब तक वो दुखी ही रहेगा :
और परदेश में जाकर हर तरह आवाद होजाता है :ऐसा क्यों होता है :
क्या कारण है :  कि इन्शान जन्म ता कही और है :
अपनी पहचान बनाता कही और है :
जन्म भूमि कही और है :
कर्म भूमि कही और है:
धर्म भूमि कही और है :
क्या मतलव है इसका :क्या आप जानते हो :क्या आपने कभी सूना है :
कि जन्म भूमि दोस होता है :क्या कही लिखा देखा  है :सायद नही :
किसी वेदसास्त्र में पढ़ा है आपने  :किसी ग्रन्थ में  नही है :
आज तक किसी भी धर्म गुरु ने भी ये ज्ञान नही दिया होगा :आपको :
क्यों कि ये ज्ञान किसी भी ग्रन्थ में नही है हम जो आपको बताते है :
वो किसी ग्रन्थ में से पढ़के नही बताते :
हम आपको वो  ज्ञान देते है जो हमें भगवान की भक्ति से :
माता जी की सकती गुरु जी की क्रपा से और  योग की दृष्टी से मिलाता  है :
हम अगर चाहते तो इस ज्ञान से अब तक करोड़ो रूपये :कमाकर बेठे होते :
लाखो लोग हमारी सेवा में लगे होते :मगर हम ये नही चाहते :
हम कुदरत के दीये हुए ज्ञान से पैसा कमाना नही चाहते :
इसी लिए हम इंटर नेट पर सब कुछ लिख रहे है:
क्यों कि लोग पड़े और अपने जीवन को सफल बनाए :
मगर हम किसी भी भाग का : उपाय नही लिख रहे है :
क्यों कि लोग पडके लोगो को लूटना सुरु कर देंगे :
इसी लिए हम उपाय नही लिखते :जिन लोगो को जरूरत होती है :
वो हमें फोन करके उपाय पूछ लेते है :सुखी होजाते है
आपको अगर जरूरत है तो आपभी हमें फोन कर के पूछ सकते हो :
हमारा ज्योतिष चार्ज फ्री है अभी के लिए :
क्यों कि हमारे लिए नर सेवा ही नारायण सेवा है :
और अगर हम किसी भी भाग का उपाय लिखते भी है :
तो भी हम एक ही परिवार का लिख सकते है :
क्यों कि भारत के सभी परिवार के नाम एक नही है :
क्यों कि ये है अक्षर ज्ञान :नामोके अक्षरों से सब कुछ देखा जाता है :
आपके परिवार में जो नाम है :
वो दुसरे परिवार में नही होते :
इसी लिए भी हम किसी भी भाग का उपाय नही लिखे है
हम आपको किसी गलत रास्ते पर लेके  नही जारहे है :
हम आपको वो आयना बता रहे है :जो आपने कभी नही देखा है :
आपका अच्छा भविष्य ही :भारत की शान है :
हर घर भारत का सुखी हो ये हमारी सोच है :
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तो हम बात कर रहे थे :जन्म भूमि दोस  की :
जन्म भूमि दोस काफी प्रकार के होते है :
जन्म भूमि दोस देखने का तरीका ये है :
{१] आपके नाम का पहला अक्षर को
अपने गाँव या सहर :के पहले अक्षर से जोड़े :
जेसे  की आपके नाम का पहला अक्षर { ज }
और आपके गाँव का पहला अक्षर है { म }
दोनों को मिलाओ तो बनता है {जम }
जम का स्वर है बंद :और जो स्वर बंद है बो कोई काम का नही होता :
एक तरीका हमने आपको बता दिया है :
आप जो भी कुछ देखे तो इस तरह से पहले देखे :
जहां स्वर बंद होता है वो अच्छा नही होता :
और अधिक जान ने के लिए पड़े जन्म भूमि दोस भाग दो :
या हम से सम्पर्क करे :
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 अगर आपको  या आपके कोई रिश्तेदार को ये दोष है :


तो हम से सम्पर्क के :
फ्री चार्ज है सभी के लिए :
परेशान न हो  फोन करे फ्री सेवा  है :
कोई भी प्रकार का ज्योतिष चार्ज नही है :
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चौधरी अक्षर ज्योतिष के :
लेखक :जगदीश भाई चौधरी :
लुनावाडा परा बजार गुजरात {इंडिया }
फोन न : 09904271497 :

 कोपी रायट २०१० :२०११ :

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जन्म भूमि दोस :के लेखक :
चौधरी अक्षर ज्योतिष :
कोपी रायट २०१०:2011

जन्म भूमि दोस केसे लगता है :भाग {१}

अक्षर ज्योतिष को बहुत ही आशानी से समझा जा सकता है : ये अक्षर ज्योतिष आपके परवार का भविष्य बनाने के लिए बनी है : ये अक्षर ज्योतिष आपको गुमराह होने बचाएगी : ये अक्षर ज्योतिष आपके कार्य को बढायेगी
:आपको उन्नति दिलाएगी : आपको  समाज में सम्मान दिलायेगी :
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गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011

भाग {१}में आज हम आपको बतायेगे मकान दोस के बिसे में {}

भाग {१}में  आज हम आपको बतायेगे मकान दोस के बिसे में :
कि मकान दोस क्या होता है :और मकान दोस केसे लगता है :
मकान दोस को आज के जमाने वास्तु दोस के नाम से जाना जाता है :
मगर अक्षर ज्योतिष के हिसाब से वास्तु दोस जेसी कोई चीज नही होती :
भूमि दोस होता है : मकान दिशासुर होता है :
और वो केसे होता है वो आज हम आपको किलियर कर बतायेगे :
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ये चार दिशाए होती है :मेंन :क्यों कि मकान चार दिशाओ के होते है :
अ: पूर्व है .......................
इ : पछिम है :
उ : उत्तर है :
ऍ : दछिन है :.
ओ : को भूमि दोस नही लगता है  : 
अँ : भी भूमि दोस नही लगता है ;
मगर दिशासूर सब को लगता है :
अब आप सोचोगे कि भूमि दोस केसे लगता है :
और दिशासूर दोस केसे लगता है :
तो गोर कर के देखो नीचे के खाने में :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
अ     इ      उ      ए    अं =ओ 
क    ख     ग      घ    ङ =
च    छ     ज     झ    ञ = 
ट    ठ       ड     ढ     ण =
प    फ     ब      भ    म =
त    थ     द      ध     न =
य    र     ल      व      
श    ष     स    .श्र .
ह    क्ष    ज्ञ      त्र 
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
आया कुछ आपकी  समझ में :नही आया होगा ये हमें पता है :
क्यों कि न  कभी आपने पड़ा है :और न आपने कभी सुना है  :
इसी लिए आपकी समझ में जल्दी नही आएगा :
मगर हमने भी आपको पक्का ज्योतिषी नही बना दिया :
तो हमारा नाम भी जगदीश भाई चौधरी नही 
आज हम किलियर कर के बता देते है कि :
वास्तु का मतलव क्या है :वास्तु का मतलव है दोस्तों श्राद्ध   :
जब आप कोई मकान बनाते है :तो आपको वास्तु  करना ही पड़ेगा :
क्यों कि आप मकान में बसने जारहे हो :
जो आपने मकान बनाया है :
उस बनाने बाले को तो आपने मजूरी देदी है :
मगर  जो मकान बनाते समय जीव जन्तु मरे है 
उनको मोक्ष दिलाने के लिए वास्तू करना ही होगा :
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
वास्तू केसे किया जाता है :ये जाने :
वास्तू की पूर्ण  विधि केसे होती है ये जाने :
..............................................................................................
वास्तू की पूर्ण  विधि कोई नही करता है :
और ना ही कोई जानता है :
कर्मकांड  करने वाले  पंडित भी :
मकान के मालिक के कहने के हिसाब से 
वास्तू की विधि करते है  :
कोई सत्य नारायण की कथा करवाता है :
और कोई ग्रह शांति हवन करवाता है 
कोई नवचंडी हवन करता है :
कोई लक्ष्मी हवन करवाता है 
मगर इन चीजो से वास्तू का निवारण नही होता :
वास्तू का निवारण करने के लिए सब से पहले :
जो करोड़ो की संख्या में मकान बनाते समय :
जीव जन्तू मरे है उनको किसी अच्छे स्थान पर जाकर :
मोक्ष दिलाये  
सब का पिंडदान  करवाये और फिर घर आकर {११} {२१ }
ब्राह्मणों को भोजन कराये :उसके बादकम से कम {40}दिन बाद :
 नवचंडी हवन करवाये :
तब जाके वास्तू का निवारण होगा :
वास्तू दोस की विधि:
मकान मालिक के नाम के अक्षरों के हिसाब से की जाती है
ये ही विधि न कराये :मकान मालिक के नाम में कितने अक्षर है :
और वो अक्षर कोन कोन सी योनी   के है   :
ये भी देखना पड़ता है :
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''' 
अब हम आपको बतायेगे कि दिशासुर क्या होता है :
......................................................................................................
मकान का दिशासुर मकान मालिक के नाम से देखा जाता है :
कि मकान मालिक के नाम में कितने अक्षर है :
और नाम में कितनी मात्रा  है :
इस इन्शान को कोन सी दिशा का मकान अच्छा रहेगा:
शुभ रहेगा 
इस बिसे और और अधिक जान्ने के लिए पड़े :
मकान दोस भाग दो {२ }:
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 अगर आपको  या आपके कोई रिश्तेदार को ये दोष है :
तो हम से सम्पर्क के :
फ्री चार्ज है सभी के लिए :
परेशान न हो  फोन करे फ्री सेवा  है :
कोई भी प्रकार का ज्योतिष चार्ज नही है :
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चौधरी अक्षर ज्योतिष के :
लेखक :जगदीश भाई चौधरी :
लुनावाडा परा बजार गुजरात {इंडिया }
फोन न : 09904271497 :

 कोपी रायट २०१० :२०११ :

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चौधरी अक्षर ज्योतिष

भाग {१}में आज हम आपको बतायेगे मकान दोस के बिसे में {}

भाग {१}में  आज हम आपको बतायेगे मकान दोस के बिसे में :
कि मकान दोस क्या होता है :और मकान दोस केसे लगता है :
मकान दोस को आज के जमाने वास्तु दोस के नाम से जाना जाता है :
मगर अक्षर ज्योतिष के हिसाब से वास्तु दोस जेसी कोई चीज नही होती :
भूमि दोस होता है : मकान दिशासुर होता है :
और वो केसे होता है वो आज हम आपको किलियर कर बतायेगे :
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ये चार दिशाए होती है :मेंन :क्यों कि मकान चार दिशाओ के होते है :
अ: पूर्व है .......................
इ : पछिम है :
उ : उत्तर है :
ऍ : दछिन है :.
ओ : को भूमि दोस नही लगता है  : 
अँ : भी भूमि दोस नही लगता है ;
मगर दिशासूर सब को लगता है :
अब आप सोचोगे कि भूमि दोस केसे लगता है :
और दिशासूर दोस केसे लगता है :
तो गोर कर के देखो नीचे के खाने में :
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अ     इ      उ      ए    अं =ओ 
क    ख     ग      घ    ङ =
च    छ     ज     झ    ञ = 
ट    ठ       ड     ढ     ण =
प    फ     ब      भ    म =
त    थ     द      ध     न =
य    र     ल      व      
श    ष     स    .श्र .
ह    क्ष    ज्ञ      त्र 
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आया कुछ आपकी  समझ में :नही आया होगा ये हमें पता है :
क्यों कि न  कभी आपने पड़ा है :और न आपने कभी सुना है  :
इसी लिए आपकी समझ में जल्दी नही आएगा :
मगर हमने भी आपको पक्का ज्योतिषी नही बना दिया :
तो हमारा नाम भी जगदीश भाई चौधरी नही 
आज हम किलियर कर के बता देते है कि :
वास्तु का मतलव क्या है :वास्तु का मतलव है दोस्तों श्राद्ध   :
जब आप कोई मकान बनाते है :तो आपको वास्तु  करना ही पड़ेगा :
क्यों कि आप मकान में बसने जारहे हो :
जो आपने मकान बनाया है :
उस बनाने बाले को तो आपने मजूरी देदी है :
मगर  जो मकान बनाते समय जीव जन्तु मरे है 
उनको मोक्ष दिलाने के लिए वास्तू करना ही होगा :
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वास्तू केसे किया जाता है :ये जाने :
वास्तू की पूर्ण  विधि केसे होती है ये जाने :
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वास्तू की पूर्ण  विधि कोई नही करता है :
और ना ही कोई जानता है :
कर्मकांड  करने वाले  पंडित भी :
मकान के मालिक के कहने के हिसाब से 
वास्तू की विधि करते है  :
कोई सत्य नारायण की कथा करवाता है :
और कोई ग्रह शांति हवन करवाता है 
कोई नवचंडी हवन करता है :
कोई लक्ष्मी हवन करवाता है 
मगर इन चीजो से वास्तू का निवारण नही होता :
वास्तू का निवारण करने के लिए सब से पहले :
जो करोड़ो की संख्या में मकान बनाते समय :
जीव जन्तू मरे है उनको किसी अच्छे स्थान पर जाकर :
मोक्ष दिलाये  
सब का पिंडदान  करवाये और फिर घर आकर {११} {२१ }
ब्राह्मणों को भोजन कराये :उसके बादकम से कम {40}दिन बाद :
 नवचंडी हवन करवाये :
तब जाके वास्तू का निवारण होगा :
वास्तू दोस की विधि:
मकान मालिक के नाम के अक्षरों के हिसाब से की जाती है
ये ही विधि न कराये :मकान मालिक के नाम में कितने अक्षर है :
और वो अक्षर कोन कोन सी योनी   के है   :
ये भी देखना पड़ता है :
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अब हम आपको बतायेगे कि दिशासुर क्या होता है :
......................................................................................................
मकान का दिशासुर मकान मालिक के नाम से देखा जाता है :
कि मकान मालिक के नाम में कितने अक्षर है :
और नाम में कितनी मात्रा  है :
इस इन्शान को कोन सी दिशा का मकान अच्छा रहेगा:
शुभ रहेगा 
इस बिसे और और अधिक जान्ने के लिए पड़े :
मकान दोस भाग दो {२ }:
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 अगर आपको  या आपके कोई रिश्तेदार को ये दोष है :
तो हम से सम्पर्क के :
फ्री चार्ज है सभी के लिए :
परेशान न हो  फोन करे फ्री सेवा  है :
कोई भी प्रकार का ज्योतिष चार्ज नही है :
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चौधरी अक्षर ज्योतिष के :
लेखक :जगदीश भाई चौधरी :
लुनावाडा परा बजार गुजरात {इंडिया }
फोन न : 09904271497 :

 कोपी रायट २०१० :२०११ :

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चौधरी अक्षर ज्योतिष

भाग {१}में आज हम आपको बतायेगे मकान दोस के बिसे में {}

भाग {१}में  आज हम आपको बतायेगे मकान दोस के बिसे में :
कि मकान दोस क्या होता है :और मकान दोस केसे लगता है :
मकान दोस को आज के जमाने वास्तु दोस के नाम से जाना जाता है :
मगर अक्षर ज्योतिष के हिसाब से वास्तु दोस जेसी कोई चीज नही होती :
भूमि दोस होता है : मकान दिशासुर होता है :
और वो केसे होता है वो आज हम आपको किलियर कर बतायेगे :
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ये चार दिशाए होती है :मेंन :क्यों कि मकान चार दिशाओ के होते है :
अ: पूर्व है .......................
इ : पछिम है :
उ : उत्तर है :
ऍ : दछिन है :.
ओ : को भूमि दोस नही लगता है  : 
अँ : भी भूमि दोस नही लगता है ;
मगर दिशासूर सब को लगता है :
अब आप सोचोगे कि भूमि दोस केसे लगता है :
और दिशासूर दोस केसे लगता है :
तो गोर कर के देखो नीचे के खाने में :
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अ     इ      उ      ए    अं =ओ 
क    ख     ग      घ    ङ =
च    छ     ज     झ    ञ = 
ट    ठ       ड     ढ     ण =
प    फ     ब      भ    म =
त    थ     द      ध     न =
य    र     ल      व      
श    ष     स    .श्र .
ह    क्ष    ज्ञ      त्र 
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
आया कुछ आपकी  समझ में :नही आया होगा ये हमें पता है :
क्यों कि न  कभी आपने पड़ा है :और न आपने कभी सुना है  :
इसी लिए आपकी समझ में जल्दी नही आएगा :
मगर हमने भी आपको पक्का ज्योतिषी नही बना दिया :
तो हमारा नाम भी जगदीश भाई चौधरी नही 
आज हम किलियर कर के बता देते है कि :
वास्तु का मतलव क्या है :वास्तु का मतलव है दोस्तों श्राद्ध   :
जब आप कोई मकान बनाते है :तो आपको वास्तु  करना ही पड़ेगा :
क्यों कि आप मकान में बसने जारहे हो :
जो आपने मकान बनाया है :
उस बनाने बाले को तो आपने मजूरी देदी है :
मगर  जो मकान बनाते समय जीव जन्तु मरे है 
उनको मोक्ष दिलाने के लिए वास्तू करना ही होगा :
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
वास्तू केसे किया जाता है :ये जाने :
वास्तू की पूर्ण  विधि केसे होती है ये जाने :
..............................................................................................
वास्तू की पूर्ण  विधि कोई नही करता है :
और ना ही कोई जानता है :
कर्मकांड  करने वाले  पंडित भी :
मकान के मालिक के कहने के हिसाब से 
वास्तू की विधि करते है  :
कोई सत्य नारायण की कथा करवाता है :
और कोई ग्रह शांति हवन करवाता है 
कोई नवचंडी हवन करता है :
कोई लक्ष्मी हवन करवाता है 
मगर इन चीजो से वास्तू का निवारण नही होता :
वास्तू का निवारण करने के लिए सब से पहले :
जो करोड़ो की संख्या में मकान बनाते समय :
जीव जन्तू मरे है उनको किसी अच्छे स्थान पर जाकर :
मोक्ष दिलाये  
सब का पिंडदान  करवाये और फिर घर आकर {११} {२१ }
ब्राह्मणों को भोजन कराये :उसके बादकम से कम {40}दिन बाद :
 नवचंडी हवन करवाये :
तब जाके वास्तू का निवारण होगा :
वास्तू दोस की विधि:
मकान मालिक के नाम के अक्षरों के हिसाब से की जाती है
ये ही विधि न कराये :मकान मालिक के नाम में कितने अक्षर है :
और वो अक्षर कोन कोन सी योनी   के है   :
ये भी देखना पड़ता है :
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''' 
अब हम आपको बतायेगे कि दिशासुर क्या होता है :
......................................................................................................
मकान का दिशासुर मकान मालिक के नाम से देखा जाता है :
कि मकान मालिक के नाम में कितने अक्षर है :
और नाम में कितनी मात्रा  है :
इस इन्शान को कोन सी दिशा का मकान अच्छा रहेगा:
शुभ रहेगा 
इस बिसे और और अधिक जान्ने के लिए पड़े :
मकान दोस भाग दो {२ }:
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 अगर आपको  या आपके कोई रिश्तेदार को ये दोष है :
तो हम से सम्पर्क के :
फ्री चार्ज है सभी के लिए :
परेशान न हो  फोन करे फ्री सेवा  है :
कोई भी प्रकार का ज्योतिष चार्ज नही है :
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चौधरी अक्षर ज्योतिष के :
लेखक :जगदीश भाई चौधरी :
लुनावाडा परा बजार गुजरात {इंडिया }
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चौधरी अक्षर ज्योतिष
 

बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

{} भाग {१} पति पतिनी और बेटा {} स्वर दोस {}

पतिनी के नाम का स्वर अंदर का है :
और पति के नाम का स्वर बाहर का है :
और बेटे के नाम का स्वर अंदर का है :
और नारी दोस नही तो भी इन्शान को :
काफी मुशीबतो  का सामना करना पड़ता है :
जीवन में वो कितना भी कमाए घर की पूरती नही होती :
और नारी दोस है तो उस इन्शान को तो मुशिबतो से :
कोई ज्योतिषी तो क्या उसे भगवान भी नही बचा सकता :
और साथ में पुत्र दोस है :
तो जीवन की गाडी भगवान  भरोसे भी नही चल सकती :
उस इन्शान के लिए  यंत्र  मन्त्र  तन्त्र  कोई काम  नही लग सकता :
जिन्दगी नर्क के समान होजाती   है  :
बार बार  आत्म ह्त्या की तरफ कदम उठते है :
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पतिनी के नाम का स्वर बाहर का है :
और बेटे के नाम का स्वर बाहर का है :
और पति के नाम का स्वर अंदर का है :
नारी दोस ना हो :
और पुत्र ना हो :
तो भी घर में झगड़ा रहेगा :
क्यों कि स्वरों के  मेल  नही है :
ऐसे घरो में ओरतो को नोकरी या बिजनिस करनी पड़ती है :
और घर ओरत के हिशाब ही चलता है :
अगर जोड़ा का स्वर बाहर का होता है तो :
इन्शान जीरो से करोड़ पति बन जाता है :
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जोड़ा के स्वर की समझ :
............................
अगर पति के नाम पहला अक्षर {ज }है
और पतिनी के नाम का पहला अक्षर  { स श ष .श्र .}है :
ज और स दोनों को मिलाओगे तो बनेगा {जस }
जस का स्वर हुआ बाहर का :
ऐसे नाम बाले पति पतिनीयो में झगड़ा तो होगा  :
मगर साथ में धनवान भी होगे :
कोई चीज की कमी नही होगी :
और अधिक जान्ने के लिए :
पड़े पति पतिनी और बेटा का भाग दो :{ २ ]
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अगर आपको  या आपके कोई रिश्तेदार को ये दोष है :
तो हम से सम्पर्क के :
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परेशान न हो  फोन करे फ्री सेवा  है :
कोई भी प्रकार का ज्योतिष चार्ज नही है :
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चौधरी अक्षर ज्योतिष के :
लेखक :जगदीश भाई चौधरी :
लुनावाडा परा बजार गुजरात {इंडिया }
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चौधरी अक्षर ज्योतिष

मंगलवार, 15 फ़रवरी 2011

नारी दोस भाग {७ } झगड़े का घर : {}

नारी दोस भाग {७] में आज हम आपको बहुत ही अनमोल बात बतायेगे ::
पति और पतिनी में  अक्षर झगड़ा क्यों होता है :
ऐसा कोन सा कारण है :जो दोनों में प्यार की बजाय झगड़ा होता है :
घर तवा होजाता है :माँ बाप के होते हुए भी बच्चे अनाथ के समान :
अपना जीवन बितीत करते है :
मेरे प्रिय दोस्तों ये बहुत ही छोटी सी चीज है अगर आपकी समझ में आजाये तो :
ये है अक्षरों के स्वरों  का खेल :आज हम आपको बहुत ही सादा  रूप में बतायेगे :
जेसे कि : पतिनी के नाम का पहला   अक्षर का स्वर  अगर अंदर का है :
और  पति के नाम का पहला अक्षर का स्वर  बाहर का है :
तो दोनों में हमेश झगड़ा ही रहेगा :
अंदर के स्वर  बाली पतिनी :
बाहर के स्वर  बाले पति को :भारी  ही पडती है :
और अंदर  के  स्वर वाले पति :
बाहर के स्वर बाली पतिनीयो  को भारी पड़ते है :
शादी करने से पहले जन्म कुंडली मिलाये या न मिलाये :
मगर नारी दोस सभी प्रकार के मिला कर देखले :
                     { एक बात और खास }
पति पतिनी में दोनों में से जिसका स्वर अंदर का होगा
उसकी मृत्यु पहले होगी :  अंदर के  स्वर से  झगड़ा तो
होता ही है मगर जीवन और भी काफी  परेशानी आती है :
  इस बिसे में और भी अधिक जान्ने के लिए :पड़े :
  {}{पति पतिनी और बेटा के भाग पड़े :{}
क्यों कि इन तीनो से घर बनता है :
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अगर आपको  या आपके कोई रिश्तेदार को ये दोष है :
तो हम से सम्पर्क के :
फ्री चार्ज है सभी के लिए :
परेशान न हो  फोन करे फ्री सेवा  है :
कोई भी प्रकार का ज्योतिष चार्ज नही है :
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लेखक :जगदीश भाई चौधरी :
लुनावाडा परा बजार गुजरात {इंडिया }
फोन न ओ९९०४२७१४९७                        
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chaudhri jyotish jagdish bhai: गृह दोष निवारण जमीन दोष निवारण

chaudhri jyotish jagdish bhai: गृह दोष निवारण जमीन दोष निवारण

रविवार, 13 फ़रवरी 2011

पहला भाग {१] ऊ:अक्षर का : {ऊ } पूर्व जन्म का मालिक है :और अपने सरीर में {ऊ }आखो का मालिक है :

भाग {१] ऊ:अक्षर :पूर्व जन्म का मालिक है :
और अपने सरीर में {ऊ }आखो का मालिक है :
मेरे  प्रिय  दोस्तों  {ऊ }आखो का भी मालिक है :
और {ऊ }पूर्व जन्म से का मालिक है :
जिस इन्शान का नाम {ऊ } अक्षर के उपर है :
मानो वो इन्शान प्रित्रू  योनो में से आया है :
प्रित्रू योनी में उसने बहुत अच्छे करे होंगे :तभी तो :
किसी अच्छे इन्शान ने  प्रित्रू  को मोक्ष दिलाया है  :
ओर फिर उसे मानव योनी मिली है :
और ये इन्शान मानव योनी में भी अच्छे कर्म करेगा तो
देव लोक में चला जाएगा :
जन्म और मरण से मोक्ष पाजायेगा चोरासी {८४ }से छुट जाएगा :::
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
भाग {१] ऊ:अक्षर :पूर्व जन्म का मालिक है :
और अपने सरीर में {ऊ }आखो का मालिक है :
ये {ऊ }के अक्षर है :
ग  ज ड द ब ल स ज्ञ :
यानि {ऊ } की ओलाद है :
और इन की योनी भी अलग अलग है :
योनियों के बिसे में हम आपको आगे बतायेगे :
अक्षर के हिशाब से :
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
अभी हम आपको बताते है आँखों  के बारे में :
{ऊ }अक्षर जो हम ने उपर लिखे है :
वो अक्षर अगर आपके नाम में है :
और वो अक्षर आपके नाम में दुसित है :
यानि वो अक्षर किसी और अक्षर ने उन्हें दबा रक्खा है :
या किसी और अक्षर की मात्रा उस पर लगी हुई है :
जो {ऊ }के साथ दुश्मनी  है :
तो सब से पहले आपकी आँखों पर असर पड़ेगा :
जेसे कि:आपकी कोई आँख फूट भी सकती है :
आँखों पर बक्त    से चस्मा आजायेगा :
आँखों में फूली हो सकती है :
आँखों में जाले पड़ सकते है :
बार बार आँखे आना हो सकता है :
या आँखे टेडी  मेसी होजाना :
या आँखे छोटी बड़ी हो जाना :
या रात रोध आना :
आँखों में बार बार दर्द रहना :
और भी बहुत सारे रोग जो आँखों लग सकते है :
ये सब पता चलता है नाम के अक्षरों से :
कि आपके नाम में कोण कोण से अक्षर है :
ओरम वो कोण कोण से अक्षरों से दुसित है :
और उन अक्षरों पर कोण सी मात्रा लगी हुई है :
या फिर आपके नाम में {ऊ } मात्रा दुसित है :
तो भी आपको ये रोग लग सकते है :
आपके नाम में {ऊ } के अक्षर नही है :
मगर उन अक्षरों {ऊ } की मात्रा है :
तो आपको आँखों के रोग लग सकते है :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
ये लेख आपको केशा लगा अपनी राय जरुर भेजे :
और आपको इस लेख से क्यों जानकारी मिली ये जरुर लिखे :
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चौधरी अक्षर ज्योतिष के :

लेखक :जगदीश भाई चौधरी :

फोन न 09904271497 :

पता :हेनी गारमेंट परा बजार लुनावाडा पंच महेल गुजरात {इंडिया


गुरुवार, 10 फ़रवरी 2011

पहला भाग {१] ऊ:अक्षर का : {ऊ } पूर्व जन्म का मालिक है :और अपने सरीर में {ऊ }आखो का मालिक है :

भाग {१] ऊ:अक्षर :पूर्व जन्म का मालिक है :
और अपने सरीर में {ऊ }आखो का मालिक है :
मेरे  प्रिय  दोस्तों  {ऊ }आखो का भी मालिक है :
और {ऊ }पूर्व जन्म से का मालिक है :
जिस इन्शान का नाम {ऊ } अक्षर के उपर है :
मानो वो इन्शान प्रित्रू  योनो में से आया है :
प्रित्रू योनी में उसने बहुत अच्छे करे होंगे :तभी तो :
किसी अच्छे इन्शान ने  प्रित्रू  को मोक्ष दिलाया है  :
ओर फिर उसे मानव योनी मिली है :
और ये इन्शान मानव योनी में भी अच्छे कर्म करेगा तो
देव लोक में चला जाएगा :
जन्म और मरण से मोक्ष पाजायेगा चोरासी {८४ }से छुट जाएगा :::
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भाग {१] ऊ:अक्षर :पूर्व जन्म का मालिक है :
और अपने सरीर में {ऊ }आखो का मालिक है :
ये {ऊ }के अक्षर है :
ग  ज ड द ब ल स ज्ञ :
यानि {ऊ } की ओलाद है :
और इन की योनी भी अलग अलग है :
योनियों के बिसे में हम आपको आगे बतायेगे :
अक्षर के हिशाब से :
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अभी हम आपको बताते है आँखों  के बारे में :
{ऊ }अक्षर जो हम ने उपर लिखे है :
वो अक्षर अगर आपके नाम में है :
और वो अक्षर आपके नाम में दुसित है :
यानि वो अक्षर किसी और अक्षर ने उन्हें दबा रक्खा है :
या किसी और अक्षर की मात्रा उस पर लगी हुई है :
जो {ऊ }के साथ दुश्मनी  है :
तो सब से पहले आपकी आँखों पर असर पड़ेगा :
जेसे कि:आपकी कोई आँख फूट भी सकती है :
आँखों पर बक्त    से चस्मा आजायेगा :
आँखों में फूली हो सकती है :
आँखों में जाले पड़ सकते है :
बार बार आँखे आना हो सकता है :
या आँखे टेडी  मेसी होजाना :
या आँखे छोटी बड़ी हो जाना :
या रात रोध आना :
आँखों में बार बार दर्द रहना :
और भी बहुत सारे रोग जो आँखों लग सकते है :
ये सब पता चलता है नाम के अक्षरों से :
कि आपके नाम में कोण कोण से अक्षर है :
ओरम वो कोण कोण से अक्षरों से दुसित है :
और उन अक्षरों पर कोण सी मात्रा लगी हुई है :
या फिर आपके नाम में {ऊ } मात्रा दुसित है :
तो भी आपको ये रोग लग सकते है :
आपके नाम में {ऊ } के अक्षर नही है :
मगर उन अक्षरों {ऊ } की मात्रा है :
तो आपको आँखों के रोग लग सकते है :
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ये लेख आपको केशा लगा अपनी राय जरुर भेजे :
और आपको इस लेख से क्यों जानकारी मिली ये जरुर लिखे :
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चौधरी अक्षर ज्योतिष के :

लेखक :जगदीश भाई चौधरी :

फोन न 09904271497 :

पता :हेनी गारमेंट परा बजार लुनावाडा पंच महेल गुजरात {इंडिया


भाग {1} क : क :नाम बालोके लिए है :जिनके नाम में :क :{१}पहले :{२}दूसरा :{३] तीसरा{४}चोथा :है

                                        
{क} ब्यंजनो का पहला अक्षर है :ये तो साड़ी दुनिया जानती है :
मगर {क }अपने जीवन में क्या पाठ निभाता है ये कोई नही जानता :
आज हम {क }के बिसे में आपको कुछ बताते   है :
कि {क }क्या चीज है :
और अपने जीवन में क्या पाठ बजाता है :
{क] नाम बाले घबराये नही :सिफ समझे :
 हम आपको बताते है :
कि {क }आपके नाम में कहा कहा आता है :
{१}पहले :
{२}दूसरा :
{३] तीसरा
{४}चोथा :
ये आपके नाम में चार जगह से आता है :जेसे कि
{१} {कमलेश }{करन}किरन केलाश काजल कुशुम कमला :
ये रहा आपका नाम {क }पहले आता है :
{२}आपके नाम में दूसरा अक्षर {क }
जेसे :मुकेश :राकेश :आकाश :ओकार :इकबाल :संकर :अंकित ::
इस तरहा से {क }नाम में दूसरा होता है :
और आपके नाम में {क }तीसरा ऐसे आता है :
दीपक :अशोक :राजकुमार :
 :और चोथा { क } ऐसे आता है :       
रविशंकर :प्रेमशंकर :संजीवकुमार : मनोजकुमार :
ये चार प्रकार के : क : होते है :
और इन पर ग्यारह प्रकार की मात्रा  लगाईं जाती है :
ऐसे :क  का कि की कु कू के कै को कों कं कँ :
ग्यारह प्रकार की  मात्रा  भी  :क :को  नुकशान करती है :
क्यों कि :क: का  का जो  सुर  है वो अंदर का है :
और अंदर के सुर को बाहर की मात्रा  अच्छी नही होती :
नुकशान कारक ही होती है
ये सब कुछ आपका नाम देख ने के बाद है पता चलता है :
कि आपके नाम में महात्रा कोंन कोंन  सी है :
और :क:के साथ कोंन से अक्षर है :
और आपके नाम में :क :कोंन सी जगह पर है :
{१}पहले :क {२}दूसरा :क {३] तीसरा:क {४}चोथा :क  :है :
अब हम आपको बताते है का की उम्र :
{१}पहला :क  :बचपन  :::
{२}दूसरा : क :जवानी :
{३] तीसरा: क :मघ्यम :
{४}चोथा : क :बुडापा :
आपकी उम्र में जहा {क} आयेगा वही इन्शान बचपना करेगा ;
इस में इन्शान का कोई दोस नही होता :
ये :क :अक्षर की चाल है :
कोई भी अक्षर अपने जीवन में कोई कमी नही छोड़ता :
क्यों कि हमारे जीवन में :क :आने का मतलव ये है :
कि हमने पिछले जन्म में कर्म ऐसे कीये थे :कि :क ;
जो हमारे जीवन में :क :इस तरह से आये है :
{१}पहले :{२}दूसरा :{३] तीसरा{४}चोथा :
पहले हम कोंन सी योनी के थे ये जाने :
{क ] की योनी कुछ इस तरह से है :
:कबूतर काबर कौउआ  कोयल :
मेरा कहने का मतलव ये है कि :
{1 }:क :की जो पहली योनी है वो पंछी की है :आकाश में उड़ने बाले :
{२ }कुत्ता :कंगारू :जमीन पर चलने बाले
{3 }क :की जो दूसरी योनी है वो कछुबा  की है :पाताल :पानी में रहने बाले :
{४}कमल
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पैदा होने का तरीके  तो बसे :
दो ही प्रकार के होते है :
{१}यंत्र सकती :
{२] मन्त्र सकती :
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मगर रास्ते चार प्रकार के होते है ;
अ {१}पहली योनी होती है अण्डा:
इ {२}दूसरी योनी होती है गर्भाषा  :
उ {३] तीसरी योनी होती है बिज :
ए {४}चोथी योनी होती है  :सुतेही
बसे तो बीज सभी के होते है :
मगर तरीका येही चार प्रकार  का होप्ता है :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
आपका सुबाव
''''''''''''''''''''''''''''''
 आप कोंन सी योनी में से आये है :
आप जीस योनी में से आये है आपका सुबाव वेसा ही होगा:
जेसी  योनी में से आप आये है :
जब कोई जीव अच्छा करम करता है तो उसे मानव योनी मिलती है :
और जब मानव अच्छा कर्म करता है तो उसे देव लोक मिलता है :
यही है बिधि का बिधन :क्यों कि ये जो अक्षर है :यही है बिधि का बिधन :
आदमी {क }नाम बाला है और योनी है कबूतर :
कबूतर योनी में से आया है तो :
इन्शान स्वभाव शांत होगा :कोई व्यसन  नही होगा :
गीता कुर्रान  बाइबल  जेसे ग्रंथो में मन लगेगा :
बात  भी किसी से करेगा तो बहुत सोच समझ कर :
बाकी की योनीयो के विसे में आप खुद ही समझ जाइए :
हमे कहने की जरूरत नही है :
इशान जेसी योनी में आया है :उस का खान पान भी वेसा ही होगा :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
बाकी की योनी यो की एक झलक :
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
{१}कोआ की योनी में से आया है तो :
खान पान राक्षसी जेसा होगा :
अगर इन्शान कुत्ता योनी में से आया है :
तो आप खुद ही समझ सकते कि उसकी बात कुत्ते की लात :
अगर कंगारू योनी में से आया है तो इन्शान चोर छिनरा होता है :
शेष  आप समझे क्यो कि अगर हम {क }की योनीयो को अलग अलग :
लिखेगे तो {क}योनी की एक किताब बन जायेगी :
कभी बक्त मिला तो शेष भाग दो में बतायेगे :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
नाम में {क }कहा  पर सही है :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
{क }अगर पहला है तो सही है :
बचपन अच्छा जाएगा :
अगर {क }दूसरा है तो कोई खास नही :
अगर {क }तीसरा है तो माध्यम अब्सता में इन्शान भी जवानी का अह्साश  करता है
और अगर चोथा {क } है तो इन्शान मन से  बुडा कभी नही होता :
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अब देखे कि {क } नाम बाले  इन्शान के नाम में मात्रा  क्या असर करती है :
और किन कोंन से अक्षर का के साथ अच्छे होते और कोंन से अक्षर खराव होते है :
और कोंन से अक्षर माध्यम होते है
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
:क  का कि की कु कू के कै को कों कं कँ :
ये जान्ने के लिए पड़े  {क } भाग दो :
अ     इ    उ    ए   अं =
क  ख     ग     घ   ङ =
च  छ    ज    झ   ञ =
ट  ठ      ड     ढ     ण =
प  फ    ब      भ    म =
त  थ    द     ध    न =
य  र    ल    व    
श  ष    स    .श्र .
 ह  क्ष   ज्ञ    त्र


''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
ये लेख आपको केशा लगा अपनी राय जरुर भेजे :
और आपको इस लेख से क्यों जानकारी मिली ये जरुर लिखे :
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चौधरी अक्षर ज्योतिष के :
 
लेखक :जगदीश भाई चौधरी :

फोन न 09904271497 :

   पता :हेनी गारमेंट परा बजार
 लुनावाडा पंच महेल गुजरात {इंडिया }

                                        
{क} ब्यंजनो का पहला अक्षर है :ये तो साड़ी दुनिया जानती है :
मगर {क }अपने जीवन में क्या पाठ निभाता है ये कोई नही जानता :
आज हम {क }के बिसे में आपको कुछ बताते   है :
कि {क }क्या चीज है :
और अपने जीवन में क्या पाठ बजाता है :
{क] नाम बाले घबराये नही :सिफ समझे :
अफ्ले हम आपको बताते है :
कि {क }आपके नाम में कहा कहा आता है :
{१}पहले :
{२}दूसरा :
{३] तीसरा
{४}चोथा :
ये आपके नाम में चार जगह से आता है :जेसे कि
{१} {कमलेश }{करन}किरन केलाश काजल कुशुम कमला :
ये रहा आपका नाम {क }पहले आता है :
{२}आपके नाम में दूसरा अक्षर {क }
जेसे :मुकेश :राकेश :आकाश :ओकार :इकबाल :संकर :अंकित ::
इस तरहा से {क }नाम में दूसरा होता है :
और आपके नाम में {क }तीसरा ऐसे आता है :
दीपक :अशोक :राजकुमार :
 :और चोथा { क } ऐसे आता है :       
रविशंकर :प्रेमशंकर :संजीवकुमार : मनोजकुमार :
ये चार प्रकार के : क : होते है :
और इन पर ग्यारह प्रकार की मात्रा  लगाईं जाती है :
ऐसे :क  का कि की कु कू के कै को कों कं कँ :
ग्यारह प्रकार की  मात्रा  भी  :क :को  नुकशान करती है :
क्यों कि :क: का  का जो  सुर  है वो अंदर का है :
और अंदर के सुर को बाहर की मात्रा  अच्छी नही होती :
नुकशान कारक ही होती है
ये सब कुछ आपका नाम देख ने के बाद है पता चलता है :
कि आपके नाम में महात्रा कोंन कोंन  सी है :
और :क:के साथ कोंन से अक्षर है :
और आपके नाम में :क :कोंन सी जगह पर है :
{१}पहले :क {२}दूसरा :क {३] तीसरा:क {४}चोथा :क  :है :
अब हम आपको बताते है का की उम्र :
{१}पहला :क  :बचपन  :::
{२}दूसरा : क :जवानी :
{३] तीसरा: क :मघ्यम :
{४}चोथा : क :बुडापा :
आपकी उम्र में जहा {क} आयेगा वही इन्शान बचपना करेगा ;
इस में इन्शान का कोई दोस नही होता :
ये :क :अक्षर की चाल है :
कोई भी अक्षर अपने जीवन में कोई कमी नही छोड़ता :
क्यों कि हमारे जीवन में :क :आने का मतलव ये है :
कि हमने पिछले जन्म में कर्म ऐसे कीये थे :कि :क ;
जो हमारे जीवन में :क :इस तरह से आये है :
{१}पहले :{२}दूसरा :{३] तीसरा{४}चोथा :
पहले हम कोंन सी योनी के थे ये जाने :
{क ] की योनी कुछ इस तरह से है :
:कबूतर काबर कौउआ  कोयल :
मेरा कहने का मतलव ये है कि :
{1 }:क :की जो पहली योनी है वो पंछी की है :आकाश में उड़ने बाले :
{२ }कुत्ता :कंगारू :जमीन पर चलने बाले
{3 }क :की जो दूसरी योनी है वो कछुबा  की है :पाताल :पानी में रहने बाले :
{४}कमल
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पैदा होने का तरीके  तो बसे :
दो ही प्रकार के होते है :
{१}यंत्र सकती :
{२] मन्त्र सकती :
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मगर रास्ते चार प्रकार के होते है ;
अ {१}पहली योनी होती है अण्डा:
इ {२}दूसरी योनी होती है गर्भाषा  :
उ {३] तीसरी योनी होती है बिज :
ए {४}चोथी योनी होती है  :सुतेही
बसे तो बीज सभी के होते है :
मगर तरीका येही चार प्रकार  का होप्ता है :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
आपका सुबाव
''''''''''''''''''''''''''''''
 आप कोंन सी योनी में से आये है :
आप जीस योनी में से आये है आपका सुबाव वेसा ही होगा:
जेसी  योनी में से आप आये है :
जब कोई जीव अच्छा करम करता है तो उसे मानव योनी मिलती है :
और जब मानव अच्छा कर्म करता है तो उसे देव लोक मिलता है :
यही है बिधि का बिधन :क्यों कि ये जो अक्षर है :यही है बिधि का बिधन :
आदमी {क }नाम बाला है और योनी है कबूतर :
कबूतर योनी में से आया है तो :
इन्शान स्वभाव शांत होगा :कोई व्यसन  नही होगा :
गीता कुर्रान  बाइबल  जेसे ग्रंथो में मन लगेगा :
बात  भी किसी से करेगा तो बहुत सोच समझ कर :
बाकी की योनीयो के विसे में आप खुद ही समझ जाइए :
हमे कहने की जरूरत नही है :
इशान जेसी योनी में आया है :उस का खान पान भी वेसा ही होगा :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
बाकी की योनी यो की एक झलक :
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
{१}कोआ की योनी में से आया है तो :
खान पान राक्षसी जेसा होगा :
अगर इन्शान कुत्ता योनी में से आया है :
तो आप खुद ही समझ सकते कि उसकी बात कुत्ते की लात :
अगर कंगारू योनी में से आया है तो इन्शान चोर छिनरा होता है :
शेष  आप समझे क्यो कि अगर हम {क }की योनीयो को अलग अलग :
लिखेगे तो {क}योनी की एक किताब बन जायेगी :
कभी बक्त मिला तो शेष भाग दो में बतायेगे :
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नाम में {क }कहा  पर सही है :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
{क }अगर पहला है तो सही है :
बचपन अच्छा जाएगा :
अगर {क }दूसरा है तो कोई खास नही :
अगर {क }तीसरा है तो माध्यम अब्सता में इन्शान भी जवानी का अह्साश  करता है
और अगर चोथा {क } है तो इन्शान मन से  बुडा कभी नही होता :
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अब देखे कि {क } नाम बाले  इन्शान के नाम में मात्रा  क्या असर करती है :
और किन कोंन से अक्षर का के साथ अच्छे होते और कोंन से अक्षर खराव होते है :
और कोंन से अक्षर माध्यम होते है
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:क  का कि की कु कू के कै को कों कं कँ :
ये जान्ने के लिए पड़े  {क } भाग दो :
अ     इ    उ    ए   अं =
क  ख     ग     घ   ङ =
च  छ    ज    झ   ञ =
ट  ठ      ड     ढ     ण =
प  फ    ब      भ    म =
त  थ    द     ध    न य  र    ल    व    
श  ष    स    .श्र .
 ह  क्ष   ज्ञ    त्र


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ये लेख आपको केशा लगा अपनी राय जरुर भेजे :
और आपको इस लेख से क्यों जानकारी मिली ये जरुर लिखे :
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चौधरी अक्षर ज्योतिष के :

लेखक :जगदीश भाई चौधरी :

फोन न 09904271497 :

पता :हेनी गारमेंट परा बजार लुनावाडा पंच महेल गुजरात {इंडिया }

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सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

{} पुत्र दोस भाग {१}

मेरे प्रिय दोस्तों :
मेरे और  हाथ पैर दोनों ही  कांपते है:
जब में इन दोसो के बारे में लिखता हु तो :
चाहे वो पुत्र दोस हो :
या नारी दोस हो या मकान दोस हो :
या जन्म जात दोस हो
किसी संत ने सही ही कहा है :
की ज्ञान होना बहुत अच्छा है :
मगर ज्ञान न होना भी सब से अच्छा है :
में लिखता हु तो भी पछिताता हु :
और में नही लिखता हु तो जादा पछिताता हु :
इस लेख : को पड़ने बाले सभी भाई और बहनों से :
मुझ से बड़े बुजर्गो से और मेरे बराबर के मित्रो से :
मेरी हाथ जोड़ कर सब से बिनती है :
आप हमे अपनी राय जरुर लिखे :
और मुझ से छोटे  भी अपनी राय जरुर  लिखे :
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विश्व के सभी नर और नारी अपने इश्वर  से :
यही प्रार्थना  करते कि हे इश्वर हमे  बेटा दे :
जिससे हमारा बंस आगे बड़े :
हमारा नाम न दुबे :
और में फिर भी पुत्र दोस  के बारे में लिख रहा हु :
आप खुद ही समझ गये  होगे कि मेरे कितने हाथ कांपते होगे :
मगर पुत्र दोस के कारण कितने घर उजड़े हुये है :
और कितने माँ बाप दुःख पारहे है :पुत्र दोस के कारण :
जब तक आप और हम इस पुत्र दोस का सुधर नही करेगे :
तब तक घर उजड़ ते ही रहेगे :
इसी लिए पुत्र दोस का समाधान करना ही होगा :
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आज हम आपको बताते  है :कि पुत्र दोष लगता केसे है :
पुत्र दोष भी नारी दोष की  <span>तरह </span> :है :
बेसे पुत्र दोष होते तो बहुत प्रकार के है :
और नारी दोष भी बहुत प्रकार के होते है :
बसे नारी दोष के कुछ भाग हम पहले लिख चुके है :
और पुत्र दोष के बारे में आज हम आप को बता रहे है :
और अगले भाग में हम आपको बतायेगे जन्म जात दोष के बारे में :
मगर हम आज आपको कुछ   ही प्रकार के पुत्र दोष के बारे में बतायगे :
बाकी आप हमारी किताब { चौधरी अक्षर ज्योतिष }
को मगाकर पड़ सकते है :और अपने घर को खुश मय बना सकते है :
माता पिता दोनों के नाम के पहले अक्षर से पहले :
बेटे के नाम का अक्षर आये तो मानो आपको बहुत ही भारी पुत्र दोष है :
माता पिता दोनों को ही भारी है :
और पिता के नाम के पहले अक्षर से पहले :
बेटे के नाम का अक्षर आएतो पिता को भारी है :
और माता के नाम के पहले अक्षर से :
बेटे के नाम का अक्षर आएतो माता  को भारी है :
और ये दोष कितना भारी है ये बेटे का नाम देख कर ही :
पता चल सकता है :
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अगर आपको  या आपके कोई रिश्तेदार को ये दोष है :
तो हम से सम्पर्क के :
फ्री चार्ज है सभी के लिए :
परेशान न हो  फोन करे फ्री सेवा  है :
कोई भी प्रकार का ज्योतिष चार्ज नही है :
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लेखक :जगदीश भाई चौधरी :
लुनावाडा परा बजार गुजरात {इंडिया }
फोन न ओ९९०४२७१४९७                        
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शनिवार, 5 फ़रवरी 2011

{}चौधरी अक्षर ज्योतिष : की कितावे बहुत ही जल्दी आप लोगो तक पहुचेगी :कितावो के नाम कुछ इस तरह से है {}

सब ये बड़ा कर्म प्रधान है ये बात आपको हमेसा याद रहनी चाहिए :
आपके कर्म अच्छे है और आपका  धर्म  अच्छा   है  :
और आपका इमान  अच्छा   है :
तो  आपको इन  चीजो  की कभी  भी  जरूरत  नही  पड़ेगी :
फिर भी  ज्ञान तो  ज्ञान है सबको  लेना  चाहिए   :
और ये अक्षर ज्ञान तो कुदरत का दिया हुआ हमें गिप्ट है:
जो हम आपको अर्पित कर रहे है :इन भागो के रूप में   :
हमारा कोई भी भाग किसी धर्म जाती के आधार पर नही है :
सिर्फ मानव के जीवन पर है :
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भाग { १ }  चौधरी अक्षर ज्योतिष : ज्योतिष :
भाग {  २ }  चौधरी अक्षर ज्योतिष : नारी दोस :
भाग { ३ } चौधरी अक्षर ज्योतिष : पुत्र  दोस :
भाग {४ }  चौधरी अक्षर ज्योतिष : जन्म जात दोस :
भाग {5 }  चौधरी अक्षर ज्योतिष : भूमी दोस :
भाग {६ }  चौधरी अक्षर ज्योतिष : पितृ दोस
भाग {७ }  चौधरी अक्षर ज्योतिष : गाव>  दोस :
भाग {8 }  चौधरी अक्षर ज्योतिष : मकान दिशासूर :
भाग {9 }   चौधरी अक्षर ज्योतिष : दूकान फेक्ट्री मील कंपनी दिशा सूर :
भाग {10}  चौधरी अक्षर ज्योतिष :अक्षर ज्ञान :
भाग {११ }  चौधरी अक्षर ज्योतिष : अक्षर योग :
भाग {१२}  चौधरी अक्षर ज्योतिष : अक्षर साधना :
भाग {१३ } चौधरी अक्षर ज्योतिष  : अक्षर यंत्र :
भाग {१४}  चौधरी अक्षर ज्योतिष  : अक्षर मन्त्र :
भाग {१५  }चौधरी अक्षर ज्योतिष  : अक्षर देव मन्त्र :
भाग {१६}  चौधरी अक्षर ज्योतिष  : अक्षर समाधी योग :
भाग {१७ } चौधरी अक्षर ज्योतिष  : लक्ष्मी प्राप्ति योग :
भाग {१८ }चौधरी अक्षर ज्योतिष   :परदेश या परप्रांत में भविष्य में :
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               {} अठारा भाग है :{}
हमें  उम्मीद है आपको हमारा हर भाग :
आपको प्रसंद आयेगा :
आप अपनी राय जरुर भेजे :
/chaudhrijyotishjagdishbhai.blogspot.com/2010/12/chaudhry-akshr-jyotish.html?spref=fb

/chaudhrijyotishjagdishbhai.blogspot.com/


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चौधरी अक्षर ज्योतिष के :
लेखक  :जगदीश भाई चौधरी :
फोन न 09904271497  :
पता  :हेनी गारमेंट परा बजार लुनावाडा  पंच महेल गुजरात {इंडिया }
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शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2011

{} नारी दोस भाग {6}घर को स्वर्ग केसे बनाये उपाय {}

{} नारी दोस भाग {6}घर को स्वर्ग केसे बनाये {}
आपको अगर नारी दोस >है > तो हम  से >सम्पर्क करे
और आप अगर अपने बच्चे की शादी करते है :
तो उसका उपाय ये है :
आपका बच्चा किस योनी का > है   :
और उसका नाम  क्या है :
जिस लड़की के साथ शादी करना चाहते हो :
वो  लड़की किस योनी की है :
और उस लड़की का नाम क्या है :
या तो शादी से पहले हम से सम्पर्क करे :
या फिर अपने आप इस तरीके से देखे :
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अ उ ओ :ये नर  योनो  है :
इ ऐ अं :ये नारी योनी है :
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
                {}   इन्शानो के नाम के अक्षर इस तरह से है :{}
नर योनी के अक्षर ये है :
अ आ   क च ट त प य श ह :ये अक्षर नर योनी के है :
और पित्रू योनी के अक्षर ये है :
>ग ज ड द ब ल स ज्ञ > ये अक्षर पित्रू योनी के है :
और ये देव योनी के अक्षर है :
ओ ऑ :
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
 लेड़ीजो के नाम के अक्षर ये है :इस तरह से है :
इ ई उ ऊ  ख छ ठ थ फ र ष त्र  : नर नारी  योनी के :
और ये पित्रू योनी के अक्षर है :
 ऐ ऍ  घ  झ ढ़ ध भ व श्र . पित्रू  नारी योनी के अक्षर है :
अं ड़ ण न >म  :ये देव नारी योनी के अक्षर है :
अभी भी आपकी समझ में नही आरहा है तो :
हम से सम्पर्क कर सकते है :
फ्री सेवा है :
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अक्षर ज्योतिष के :
लेखक  :जगदीश भाई चौधरी :
फोन न 09904271497  :
पता  :हेनी गारमेंट परा बजार लुनावाडा  पंच महेल गुजरात {इंडिया }
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{}नारी दोस भाग {5 } में {}

     {}नारी  दोस भाग {5 } में {}
मेरे प्रिय मित्रो नारी दोस :के मेंरे  पास बहुत से भाग है :
और भी आपके   >जीवन>  से लगती समस्याओ के बारे में :
बहुत सी जानकारी  है :जो आपके बहुत से काम  >आएगी
आपके दुःख मय जीवन को  ख़ुशीयो में बदल ने की सकती है :
अक्षर ज्योतिष के अंदर आप पड़ते रहे {चौधरी अक्षर  ज्योतिष }
के हर एक  भाग को और अपने जीवन सफल बनाते रहे :
 अभी हम बात कर रहे है  {}नारी  दोस भाग {5 }
तो चले नारी दोस  भाग नम्बर पाच में :
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नारी दोस  भाग नम्बर पाच में :
अगर आप भी देव योनी के है :
और आपकी बीबी भी देव योनी की है :
और फिर भी नारी दोस लगता है :
तो क्या होगा :ये बात तो में पहले  ही>लिख> चूका हु :
कि नारी दोस केसा भी हो हानिकारक होता है
आपको अगर नारी दोस है तो हमारे पास इसका उपाय भी :
और बिल कुल  फ्री है :
नारी दोस का उपाय :अक्षरों के हिसाब से ही किया जाता है :
और योनी के हिसाब से किया जाता है :
एक ही उपाय हर  इन्शान   पर >लागु  नही होता :


''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
आप देव नर योनी के है
और आपकी बीबी देवे नारी योनी की है :
और नारी दोस न हो तो
आपका जोड़ा देवताओ से भी अच्छा होगा :
क्यों कि अभी तक देवताओ में भी एसा जोड़ा नही बना है :
आप अगर  एसा जोड़ा बनाएगे तो प्रथ्वी पर  स्वर्ग   होगा   :
और उस  स्वर्ग   के मालिक आप होगे :
तीनो लोको से प्यारा आपका घर होगा :
में मानता हु कि एसा जोड़ा बनाना लोखन के चना चबाने के बराबर है:
मगर आप बना सकते है क्यों कि आप नर है :और नर ही नारायण है :
और नारायण कुछ भी कर सकते है :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
अ     इ    उ     ए    अं =
क   ख     ग     घ    ङ =
च   छ    ज     झ    ञ =
ट   ठ      ड      ढ     ण =
प   फ    ब       भ    म =
त   थ    द       ध    न =
य   र    ल       व    
श   ष    स     .श्र .
 ह   क्ष   ज्ञ     त्र
 ''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
  ऐसे ही पितृ नर योनी बाले :
पितृ नारी योनी बाली लड़की के साथ शादी करे :
और ऐसे ही नर योनी बाले :
नर योनी बाली लड़की के साथ शादी करे :
भारत  पर नये स्वर्ग   का निर्माण कर :
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
अक्षर ज्योतिष के :
लेखक  :जगदीश भाई चौधरी :
फोन न 09904271497  :
पता  :हेनी गारमेंट परा बजार लुनावाडा  पंच महेल गुजरात {इंडिया }
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नारी दोस भाग {४} में हम आपको बताते है :

नारी  दोस भाग  {४}  में  हम  आपको बताते है :
 कुछ और नई बाते :
अ  इ } नर योनी   है :
उ ऐ } ये पितृ  योनी है :
ओ  अं } ये देव योनी है :
ये बात में पहले भी लिख चूका हु :
हमने फिर  भी रिपीट किया <span>क्यों कि :</span>
<span> </span>आपको समझने में कोई भी भूल न हो :
हमारा मकसद आपके घर को आबाद करना है :
जिससे आप अपने परवार को सही तरीके से जान सके :
और आने बाली पेडियो को  सभाल सके :
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
अ     इ       उ       ए     अं   =
क     ख      ग      घ      ङ    =
च     छ     ज      झ     ञ    =
ट      ठ      ड      ढ       ण   =
प     फ     ब       भ      म    =
त     थ      द      ध       न    =
य     र      ल      व    
श    ष      स     .श्र .
 ह   क्ष     ज्ञ      त्र
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
आप अगर देव योनी के है और आप की पतिनी नर योनी की है :
तो क्या आपका जोड़ा सही है :
और अगर इस का उल्टा कीया जाए तो क्या आपका जोड़ा सही है :
दोनों तरफ मिला कर देखो :जोड़े  <span>में</span>  कमी है है :
स्वाभिक बात है कि घर समझोता से ही चलेगा :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
आप नर योनी के है :और आपकी  पतिनी पितृ योनी की है :
तो क्या आपका जोड़ा सही है :
और अगर इस का उल्टा कीया जाए तो क्या आपका जोड़ा सही है :
दोनों तरफ मिला कर देखो :जोड़े  में  कमी है है :
स्वाभिक बात है कि घर समझोता से ही चलेगा :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
आप अगर पित्रु योनी के है और आपकी पतिनी भी पित्रु योनी की है :
तो आप जोड़ा सही है :शादी  से <span>पहले :</span>
<span>जन्म कुंली मिलाने से पहले योनी जरुर मिलाये तो :</span>
<span>आप के बच्चे का घर हमेशा आवाद रहेगा :</span>
<span>नर योनी है तो नर योनी :</span>
<span>पित्रु  योनी है पित्रु योनी :</span>
<span>देव योनी है तो देव योनी :</span>
और अधिक जानकारी के लिए पड़े नारी दोस का भाग {५}
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लिखक :जगदीश भाई चौधरी :
फोन न 09904271497  :
पता  :हेनी गारमेंट परा बजार लुनावाडा  पंच महेल गुजरात {इंडिया }
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