ll ॐ नव शिवाय ll

ll  ॐ नव शिवाय   ll
ll ॐ नव शिवाय ll

रविवार, 30 जनवरी 2011

आओ हिंदी के अक्षरों से अक्षर ज्योतिष सीखे और अपने घर परवार के खुश हाल बनाए भाग {2]

ये छो {६] अक्षर बिज है : अ  इ  उ  ए  ओ  अं :
और ये {६}अक्षर सुर  है :आ ई  ऊ  ऐ  ऑ  अँ :
इन दोनों को मिलाकर {१२}अक्षर होते है  :
मगर महात्रा {११}होती है :
और इन अक्षरों की महात्रा भी बहुत बड़ी सकती है :
ये बात अपने दिमाक में इस तरह से बिठालो कि :
आपके जीते जी आपके दिमाक में से ये बात  :
अपने जीवन में कभी भी नही निकलनी चाहिए :
क्यों कि ये सभी अक्षर ही बिधि का बिधान है :
ये अक्षर किसी  के बनाए हुए नही है :
 ये इस स्र्सटी के रचेता ही ये है:
इस ब्रह्म्माड के मालिक ये है :
आकाश से लेकर पाताल तक सब इन में समाये हुए है :
ये वो सक्ति है जो कण कण में समाई है :चोरासी लाख योनियों को :
बना ने बाले  है ये
चारो धर्मो के मालिक है ये : {चार धर्म  }
  {अ }   { ई }         {ऊ }        { ए }
हिन्दू :  इसाई    :मुस्लिम :       सिख :
इन चारो के ग्रिन्थ के बारे  में तो  <span>सारी दुनिया जानती है :</span>
मेरा कने का मत लव ये है :कि
जो कुछ है दुनिया में : है :वो ये है :
अक्षर ज्ञान :आप सीखो और दुसरो को सिखाओ :
सब के जीवन और मृत्यू के मालिक है :
सुख और दुःख सब इनसे ही मिलते है :
सभी जीवो  के कर्मो का हिसाव किताब ये रखते है :
सभी योनियों को कर्मो के हिसाव से ये ट्रांसफर ये करते है :
जेसा  जिस   का  कर्म  वेसी  उस   योनी :
अक्षर  <span>ही</span>   देते  है इन्शान हो अमीरी गरीबी   :
अपने जीवन में सुख  दुःख  हारी  बिमारी :
सन्तान निसंतान बीबी बच्चे घर  परिवार :
यही बनाते है हमे राजा और रंक    :
जब  ये  अक्षर किसी पर  महरवान होते है :
तो इन्शान को भगवान स्वरूप बनादेते है :
और जानवरों को पूज्यवान बनादेते है :
इस से जादा में आपको और क्या बताऊ :
अबतो सायद आपकी  समझ में आगया होगा :
कि अक्षरों की  ताकत कितनी है :
और अधिक जान्ने के लिए पड़ते रहे ;
चौधरी अक्षर के नोट :और हर नोट पर :
अपनी टिप्पणी करना  न  भूले :
अधिक जानकारी के लिए हमे फोन   करे :
फोन न 919904271497 :
या मेल करे :
कोपी रायट २०१०:2011
चौधरी अक्षर ज्योतिष :
लेखक जगदीश भाई चौधरी
आगे  पड़े भाग n {3]
or  ye {12}akshr apne jeevn me or pne srir me

aao

आओ हिंदी अक्षरों की पहचान देखे :जो आज तक दुनिया में कोई नही जानता वो चीज आज आप जाने :चौधरी अक्षर ज्योतिष का : भाग {1 }

अ आ इ ई:ये नर योनी है :
उ ऊ ए ऐ :ये पित्रू योनी  है :
ओ ऑ अं अँ : ये देव  योनी है :
ये तोनो योनिया नर रूपा है :
इन में से {अ } ने तीनबार अवतार लिया है :
{१] {अ }भगवान श्री  व्रिह्म्मा जी :
{२}ऑ }भगवान श्री विष्णु जी :
{३] अं }भगवान श्री महेश जी :
क्यों कि ये तीनो एक ही रूप है
ऐसे तीन बार अवतार {ई } ने  लिया है :
{१} माता श्री स्वरसती जी :
{२} माता श्री लक्ष्मी  जी :
{३} माता श्री सक्ति   जी :
ये तोनो  मानव   रूपा है :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
बाकी की योनियो के  बारे में निचे पड़े :
अ ई ऊ ऐ :ये {4}प्रिकार होते योनियों के :
मानव में देखोगे तो भी चार प्रिकार होते है :
नारी चार प्रिकार की होती है :
<span>प्रित्रुओ </span>   में भी चार प्रिकार होते है :
देवो में देखो तो चार प्रकार होते है :
जानवरो में देखो तो भी चार होते है :
उधारन के तोर पर में एक जानवर के :
बारे में लिख  <span>रहा</span>  हु बाकी के अपने आप :
सेट कर लेना क्यों कि समझ दार को इशारा काफी है:
       अ             ई                     ऊ              ऐ              {अं }
{१]कुत्ता :{२}घोदुआ :{३}लकड़भग्गा :{४}भेडिया:
   { क }       { ख }              { ग }        { घ }........{.ड़ }.
     क ...........ख .............ग ..........घ ........ { ङ }
    च............ छ..............ज............ झ.........{ ञ }
   ट.............. ठ............. ड.............ढ.........{ ण }
   त............  थ............. द.............ध.........{.न }
  प.............  फ...........  ब........... .भ..........{म }
  य.............. र ............ ल ........ व    
  श............  ष .............स............श्र ...........{}           
  ह.............क्ष............. ज्ञ ..........  त्र............{{}
 ये चारो का रूप एक ही है:
जेसे जेसे अक्षर आगे बड़ते जाते है :
वेसे वेसे ही जहर बड़ता  जाता है :
ये सभी अक्षर अलग अलग योनियों के है ;
आप किस योनी में से आये है :
आप अपने नाम के अक्षर मिलाये :
और उस अक्षर कि योनी मिलाये :
आपका सुभाव जीस योनी से मिलता है :
मानो आप उन योनी में से आये है :
जब कोई जीव अच्छे काम करता है :
तो उसे मानव योनी मिलती है :
और जब मानव अच्छे कर्म करता है :
तो उसे देव योनी मिलती है :
जब देवलोक में देवताओ से भूल होती है :
तो उसे भी उसी प्रिकार की योनी मिलती है :
जिस प्रिकार की उस देव ने भूल की है :
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
मक्खियों में देखो तो भी चार प्रिकार होते है :
     {१}                   {२}             {३}               {४]
{१}मक्खी : {२]मध् माखी  {३}:पहाडू माखी {४} ततैया :
    { क }              {ख }              {ग }                {घ }
ये चारो का रूप एक ही है:
जेसे जेसे अक्षर आगे बड़ते जाते है :
वेसे वेसे ही जहर बड़ता  जाता है
''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
हमने सिर्फ उधारन लिखे बाकी आप अपने नाम के आधार पर सेट करले :
अगर अभी भी आपकी समझ में नही आरहा  तो हमे फोन कर के पूछ सकते है :
 हमारा नाम :जगदीश  भाई  चौधरी  :
फोन न .919904271497 है  
 चौधरी अक्षर ज्योतिष :